छत्तीसगढ़

420 के आरोपी ने पुलिस कस्टडी में की आत्महत्या, थाना प्रभारी सहित 5 सस्पेंड

मामले की न्यायिक जांच का आदेश

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक आरोपी ने पुलिस कस्टडी में आत्महत्या कर ली है। मृतक धारा 420 का आरोपी था। पुलिस कस्टडी में आरोपी के आत्महत्या करने से पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया है। घटना गरियाबंद के पांडुका थाने की है। घटना में थाना प्रभारी सहित पांच लोगों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं मामले की न्यायिक जांच का आदेश दे दिया गया है
जानकारी के अनुसार, पांडुका पुलिस ने जायका ऑटो मोबाइल के सेल्समैन सुनील श्रीवास को धोखाधड़ी के मामले में सोमवार को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को सुबह 9 बजे उसने थाना भवन से करीब बने शौचालय के रोशन दान में अपने शर्ट से फंदा बना कर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने दरवाजे को अंदर से तोड़ा जिसमें उसका पैर लटकते हुए पाया गया जिसके आधार पर उसके पैर को को खींचकर उसे निकाल बाहर निकाला गया ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी शौचालय तक छोडऩे के बाद उसके बाहर निकलने का इंतजार कर रहा था।
लंबे समय बाद भी आरोपी बाहर नहीं निकला, शंका होने पर थाने के अन्य स्टाफ के साथ मिलकर दरवाजा तोडऩे का प्रयास किया गया। तब तक आरोपी फंदे पर झूल चुका था। मामले की जानकारी मिलने के बाद एसपी एमआर अहिरे समेत आला अफसर पांडुका थाने पहुंचकर जानकारी ली। मौके पर पहुंचे एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि घटना को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी समेत 5 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि आरोपी सुनील श्रीवास्तव ने बाथरुम जाने और लोहे के दरवाजे को अंदर से बंद कर लेने के बाद अपनी ही शर्ट से फांसी लगा ली। मृतक अभनपुर स्थित जायका ऑटोमोबाइल का सेल्समैन था। उसे धोखाधड़ी के आरोप में पांडुका थाना लाया गया था। आरोपी के आत्महत्या किए जाने की खबर मिलते ही पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच जांच में जुट गए हैं। मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंचे हैं। वहीं विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई के रुप में थाना प्रभारी समेत 5 अन्य को निलंबित कर दिया है। साथ ही न्यायिक जांच अनुमति भी दे दी गई है।
यह है मामला
पुलिस के बताए अनुसार, ग्राम लोहरसी, थाना पाण्डुका निवासी सेवक राम साहू (50 वर्ष) पिता बुद्धु राम साहू ने जायका आटोमोबाइल अभनपुर के सेल्समैन सुनील श्रीवास (30 वर्ष) पिता स्व. कमल नारायण श्रीवास के खिलाफ ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। सुनील श्रीवास ने सेवक राम को नई गाड़ी बिना फाइनेंस के दिलाने के नाम पर उसके द्वारा दिए 6,37,000 रुपए को शोरूम में जमा करने की बजाए स्वयं खर्च कर लिया। वहीं पुरानी गाड़ी की फाइनेंस की गई रकम को अपने खाते में ट्रांसफर कराकर जमा नहीं किया.कंपनी की ओर से प्रीमियम जमा करने के लिए कंपनी की ओर जब जब प्रार्थी सेवक राम को ताकीद किया गया तब उसे सुनील द्वारा ठगी करने का पता चला. इस पर सेवक राम के पैसा वापस मांगने पर सुनील उसे घुमाने लगा। इसके बाद सेवक राम के शिकायत दर्ज कराने पर पाण्डुका थाना में धारा 420 के तहत सुनील के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे घेराबंदी कर पकडा गया।

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