आचार संहिता चलते भर्ती नियम संशोधन, मनरेगा आयुक्त ने माफी मांगी
आयोग-सरकार की भविष्य के लिए चेतावनी
रायपुर । मनरेगा के भर्ती नियम में छत्तीसगढ़ मूल निवासी की शर्त बदलने के मामले में मनरेगा कमिश्नर भीम सिंह ने नोटिस का जवाब दे दिया है। उन्होंने गलती के लिए माफी मांगी है और भविष्य में इस तरह की गलती न करने का भरोसा दिलाया है। भीम सिंह के माफीनामे के बाद चुनाव आयोग और राज्य सरकार ने उन्हें चेतावनी देकर प्रकरण को समाप्त कर दिया है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने कहा कि मनरेगा कमिश्नर भीम सिंह ने अपनी गलती के लिए खेद प्रकट किया है और भविष्य में दोबारा गलती न करने का भरोसा दिलाया है। उनके जवाब मिलने के बाद आयोग ने चेतावनी देकर प्रकरण को खत्म कर दिया है।
बताया गया कि चुनाव आचार संहिता के बीच संशोधित विज्ञापन जारी करने पर मनरेगा कमिश्नर भीम सिंह को नोटिस जारी किया गया था। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी नोटिस में पूछा गया था कि मनरेगा कमिश्नर ने किस आधार पर नियमों में संशोधन किया है। सरकार ने इसे अनुशासनहीनता करार दिया। चुनाव आयोग ने भी राज्य निर्वाचन आयोग से इस बारे में जवाब तलब किया था। मनरेगा कमिश्नर भीम सिंह ने सामान्य प्रशासन को भेजे जवाब में अपनी गलती मानी है और भविष्य में इस तरह नहीं करने की बात कही है। भीम सिंह के जवाब के बाद चेतावनी के साथ सरकार ने भी प्रकरण नस्तीबद्ध कर दिया है।
मनरेगा में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए 8 मार्च को विज्ञापन निकाला था। इसके दो दिन बाद आचार संहिता लग गई। विज्ञापन में आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूूल निवासी होना अनिवार्य था। वैसे, मनरेगा की भर्ती में शुरू से ही मूल निवासी की अनिवार्यता चली आ रही थी। लेकिन, भीम सिंह ने 20 मार्च को छत्तीसगढ़ मूल निवासी की शर्त विलोपित करवा दी। आठ मार्च को जब विज्ञापन प्रकाशित हुआ था, तब चुनाव का ऐलान नहीं हुआ था। लेकिन, अब जबकि आचार संहिता प्रभावशील है, वे भर्ती नियम नहीं बदल सकते। साथ ही उन्होंने प्रशासनिक अनुमोदन नहीं लिया था। पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। बाद में भीम सिंह ने उनसे मिलकर सफाई भी दी।
नियम-पालन के लिए पंचायत मंत्री ने जारी किया सर्कुलर
पंचायत मंत्री श्री सिंहदेव ने भीम सिंह प्रकरण के बाद पंचायत और स्वास्थ्य विभाग में सामान्य प्रशासन के नियमों का पालन करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि आधी-अधूरी नस्ती नहीं चलाई जाए। फाइलों में नियमों का पालन किया जाए।