छत्तीसगढ़

बिलासपुर हाई कोर्ट : दुष्कर्म पीड़िता ने खुद की पैरवी

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब दुष्कर्म पीड़िता ने अदालत में अपने मामले की पैरवी स्वयं की। मामले की गंभीरता को देखते हुए जस्टिस संजय के अग्रवाल ने पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ 17 मई को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही आरोपित को गिरफ्तार करने में बरती जा रही लापरवाही को लेकर नाराजगी भी जताई है।
सरकंडा थाना द्वारा दुष्कर्म के आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने की शिकायत करते हुए पीड़िता ने रिट याचिका दायर की थी। मंगलवार को उसके मामले की सुनवाई थी। लिहाजा वह खुद कोर्ट के समक्ष खड़ी हुई और आर्थिक तंगी के कारण वकील न रखने का हवाला देते हुए अपने मामले की पैरवी खुद करने की गुहार लगाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी।
पीड़िता ने सिंगल बेंच को बताया कि दुष्कर्म के बाद उसने इसकी शिकायत सरकंडा थाना में की थी। थाना प्रभारी द्वारा किसी तरह की कार्रवाई न किए जाने के कारण उसने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। एसपी ने जांच के निर्देश दिए। जांच में दुष्कर्म की पुष्टि के बाद एसपी ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सरकंडा थाना प्रभारी को निर्देशित किया था। इसके बाद भी थाना प्रभारी ने मामले को दबाए रखा। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि एफआइआर दर्ज करने के बाद अब तक आरोपितों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई

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