छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित प्लास्टिक का उत्पादन, विक्रय एवं उपयोग पर कड़ाई से लगे रोक – मिश्रा
प्लास्टिक सामग्री पर ‘लोगो’ एवं निर्माणकर्ता का नाम अंकित हो, रेल्वे प्रबंधन द्वारा कचरे के निष्पादन हेतु उचित इंतजाम न किये जाने पर समिति ने जताई नाराजगी
रायपुर/राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देश पर अपशिष्ट प्रबंधन के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक सोमवार को सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति धीरेन्द्र मिश्रा की अध्यक्षता में पर्यावास भवन के सभागार में हुई। श्री मिश्रा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में हानिकारक (पीवीसी) प्लास्टिक पदार्थो से बनी सामग्री का उपयोग न किया जाये। जो पदार्थ प्रतिबंधात्मक सूची में शामिल नहीं है, उन प्लास्टिक उत्पादों पर उत्पादनकर्ता विशेष ‘लोगो’ और उत्पादनकर्ता का नाम अंकित करें उसके पश्चात ही विक्रय करें। प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग किये जाने पर निर्माणकर्ता, विक्रेता एवं उपयोगकर्ता पर भी कार्यवाही की जाए। बैठक के प्रारंभ में मण्डल के सदस्य सचिव आर.पी. तिवारी द्वारा पिछली बैठक में लिये गये निर्देश पर की गई कार्यवाही प्रतिवेदन की जानकारी दी।
बैठक में रेल्वे की आवासीय काॅलोनी में कचरों के निष्पादन के लिए रेल्वे प्रबंधन द्वारा उपर्युक्त इंतजाम न किए जाने पर न्यायमूर्ति श्री मिश्रा ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा – वर्ष 2016 में नगरीय अपशिष्ट प्रबधंन पर नियम बनने के बाद भी रेल्वे द्वारा अब तक निष्पादन के लिए उचित व्यवस्था क्यो नहीं की गई। उन्होंने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षरण मंडल को एक जांच टीम बनाने का निर्देश दिया जो रेल्वे की आवासीय काॅलोनियों का निरीक्षण कर अपना प्रतिवेदन समिति के समक्ष प्रस्तुत करे।
श्री मिश्रा ने कहा कि रेल्वे प्रबंधन स्वयं पहल करते हुये रायपुर, बिलासपुर और चरौदा में स्थानीय नगरीय निकाय के साथ एम.ओ.यू. करे और कचरे का निष्पादन करे। श्री मिश्रा द्वारा कहा गया कि वे शीघ्र ही रेल्वे द्वारा कचरे के निष्पादन हेतु की जा रही कार्यवाही का निरिक्षण करने जाएगे। मण्डल के सदस्य सचिव आर.पी.तिवारी ने रेल्वे को निर्देश दिया कि इस कार्य के लिये एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर सूचित करे, जो मण्डल के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें।
रायपुर नगर निगम के समीक्षा के दौरान न्यायमूर्ति श्री मिश्रा ने कचरे के संग्रहण और संग्रहण केन्द्र में डम्प करने के तरीके को और वैज्ञानिक ढंग से किये जाने पर जोर दिया। उन्होने कहा कि कचरे एकत्रित करने वाले वाहन का समय का निरंतर निरीक्षण किया जाये, इसके लिये जी.पी.एस. प्रणाली जैसे व्यवस्था का उपयोग किया जा सकता है। श्री मिश्रा ने सकरी में निर्माणाधीन ट्रचिंग मैदान का कार्य समय-समय पर करने का निर्देश दिये हैं। रायपुर निगम के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि जल्द ही मोबाईल ऐप जीपीएस प्रणाली जैसे अन्य व्यवस्थाओं को लागू किए जाने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान श्री मिश्रा ने कहा कि किसी भी स्थिति में नगरीय ठोस अपशिष्ट एवं मेडिकल अपशिष्ट को आपस में न मिलाया जाये। दोनों का पृथक-पृथक निष्पादन सुनिश्चित किया जावे। श्री आर.पी.तिवारी ने जानकारी दी कि मण्डल द्वारा नर्सिंग होम एक्ट के तहत आने वाले छोट-छोटे क्लिनिक को भी नियम के दायरे में लाया जा रहा है। बैठक में आवास एवं पर्यावरण विभाग की विशेष सचिव संगीता पी., नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. आर.के. मिश्रा, नगरीय प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, भिलाई इस्पात संयंत्र, साउथ इस्र्टन रेल्वे, एस.ई.सी.एल. के प्रतिनिधि उपस्थित थे।