‘छत्तीसगढ़ी’ में होगा सरकारी कामकाज, बाहरी राज्यों से आए अधिकारियों को दी जाएगी ट्रेनिंग
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजभाषा आयोग द्वारा ‘छत्तीसगढ़ी’ को भाषा का दर्जा मिलने के बाद भी अभी तक सरकारी काम काज छत्तीसगढ़ी भाषा में शुरू नहीं पा पाया है। वहीं, स्थानीय लोगों द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ी भाषा में कामकाज शुरू करने की मांग उठती रही है, लेकिन अब छत्तीसगढ़ी को सरकारी कामकाज की भाषा बनाने की पहल शुरू हो गई है। इसी के तहत अब प्रशिक्षण शिविर लगाकर प्रदेश अधिकारियों और कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ी भाषा सिखाई जाएगी।
राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा ने बताया कि बाहरी राज्यों से आए अधिकारियों को भी छत्तीसगढ़ी जानना होगा होगा, जिससे वे स्थानीय भाषा मे ही काम कर सकेंगे। लोगों के आए पत्रों का जवाब भी दे सकेंगे। फिलहाल राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ी को राज्य भाषा का दर्जा तो दे दिया है, लेकिन भाषाई ज्ञान नहीं होने के कारण मंत्रालय और संचालनालय के अधिकारी इस भाषा मे काम नहीं कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा में आए पत्रों और आवेदनों का भी निराकरण नहीं हो रहा। ऐसा न हो इसलिए संचालनालय में जून से प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। पहले चरण में करीब 700 अधिकारी-कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ी सिखाया जाएगा। स्थानीय कर्मचारी नेताओं ने कहना है कि इसके बाद एक दल मुख्य सचिव से मिलकर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को छत्तीसगढ़ी सिखाने कहेगा।