मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान – देश का विभाजन नेहरू ने नहीं, जिन्ना व सावरकर ने किया
नेहरू कभी संकुचित राष्ट्रवाद नहीं चाहते थे-भूपेश बघेल पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर सीएम बघेल ने अर्पित की श्रद्धांजलि
रायपुर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जो सियासी गर्मी पैदा कर सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में सोमवार को नेहरु पुण्यतिथि पर आयोजित व्याख्यान का उद्धाटन करते हुए बघेल ने कहा कि विभाजन का बीजारोपण जिन्ना और सावरकर ने किया, जिसे पूरा करने का काम जिन्ना ने किया।
उन्होंने अपने भाषण में कहा कि जवाहरलाल नेहरू देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार नहीं है। नेहरु के कार्यों का बखान करते हुए बघेल ने कहा कि 1962 में नेहरु ने अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र खोला, जिसके कारण आज 104 सेटेलाइट एक साथ छोड़े जा रहे हैं। कार्यक्रम में विचारक और लेखक पुरूषोत्तम अग्रवाल मुख्य वक्ता के रुप में शामिल हुए।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री की आज पुण्यतिथि है जिसे लेकर राजधानी के राजीव भवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कई कैबिनेट मंत्री भी शामिल हुए है और पंडित जवाहर लाल नेहरू को अश्रुतपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं इस मौके पर मंत्रियों समेत विचारक, साहित्यकार और लेखक भी कार्यक्रम में मौजूद हैं और सभी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया। इस दौरान प्रदेश के मंत्री जयसिंह अग्रवाल, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह सहित कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद थे।
इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि आज देश नेहरू जी को पुण्य स्मरण कर रहा है। हम उनके सपनों को याद करेंगे साथ ही उन्होंने नेहरू की पुस्तक भारत एक खोज की चर्चा करते हुए कहा कि इस पुस्तक को पढऩे से स्पष्ठ होता है कि वो किस तरह का भारत चाहते थे। श्री बघेल ने कहा कि नेहरूजी संकुचित राष्ट्रवाद नहीं चाहते थे। जिसमें पड़ौसी राज्य को कुचल दें, बहुत से लोग देश के बंटवारे में नेहरू जी को दोषी मानते हैं। जबकि इसके लिए जिन्ना ही दोषी थे,नेहरू जी धर्मनिपेक्ष राष्ट्र की कल्पना करते थे। इस दौरान सीएम ने नेहरू जी उपलब्धियां भी गिनवाई।
जवाहरलाल नेहरू एक ऐसे व्यक्ति थे जो भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के संरक्षण में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे थे। आपको बता दें कि जवाहरलाल के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने और राष्ट्रीय तौर पर अपना प्रभुत्व दिखाते हुए एक सर्वाग्रहण पार्टी के रूप में उभरी थी।
इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हम जवाहरलाल नेहरू को याद करते हैं तो उनके सपनो को भी याद करते है. जिस आधुनिक भारत की नींव नेहरू जी ने रखी थी उनकी किताब भारत की खोज हम सभी ने पढ़ी है.इस पुस्तक को पढऩे से पता चलता है कि नेहरू जी किस भारत की कल्पना करते थे.20वी सदी में जिसने भारत आजादी की लड़ाई लड़ी उस समय दुनिया में नाजीवाद और फासीवाद की लड़ाई चल रही थी। भारत से पाकिस्तान को अलग करने कि नीव वीर सावरकर ने रखी थी और जिन्ना ने उसे पूरा किया. नेहरू जी ने भारत का बंटवारा नही किया था, परमाणु रिसर्च सेन्टर और ्रढ्ढरूस् की नींव रखी थी.
भिलाई स्टील प्लांट, भाखरा प्लांट की नींव भी जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी.आज आधुनिक और सशक्त भारत की बात करते है। ये सोच नेहरू जी की थी.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि नेहरू जी से कभी भी कोई भी प्रश्न पूछ सकता था.आज के प्रधानमंत्री 5 साल में एक बार पत्रकार के सामने औऱ बिना कुछ बोले चले गए। पत्रकारों को बोलने भी नहीं दिया गया जिस आधुनिक भारत की नींव नेहरू जी ने रखी थी वो हल्की हिल गयी है। देश को साम्प्रदायिकता के रास्ते पर धकेला जा रहा है. नेहरू जी के सोच के मुताबिक हमे आधुनिक भारत बनाने के लिए हम सभी को लडऩा होगा। इस अवसर पर जेएनयू के पुरूषोत्तम अग्रवाल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर विधायक सत्यनारायण शर्मा, अमितेष शुक्ला, अनिता शर्मा, छाया वर्मा, रमेश वाल्र्यानी, धमेंद्र प्रधान, गिरीश देवांगन, गिरीश दूबे, विकास उपाध्याय, शैलेष नीतिन त्रिवेदी, राजेंद्र तिवारी, अंम्बर शुक्ला, संजय पाठक, करूणा शुक्ला, सत सहित अन्य कांग्रेसी एवं ललित सुरजन भी उपस्थित थे।