NITHARI CASE | निठारी कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निठारी हत्याकांड से जुड़े अंतिम बचे मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। शीर्ष न्यायालय ने सुरेंद्र कोली की सजा को रद्द करते हुए उसकी तुरंत रिहाई का आदेश दिया है। इस फैसले के साथ निठारी कांड के सभी मामलों का पटाक्षेप हो गया है।
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कोली की क्यूरेटिव याचिका स्वीकार करते हुए उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया। कोली ने याचिका में दलील दी थी कि उसे अन्य सभी मामलों में पहले ही बरी किया जा चुका है, इसलिए अब सजा का कोई औचित्य नहीं बनता। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने आदेश सुनाते हुए कहा कि “सुरेंद्र कोली को तुरंत रिहा किया जाए।”
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2011 के अपने पुराने फैसले को भी रद्द कर दिया, जिसमें कोली की सजा बरकरार रखी गई थी। साथ ही 28 अक्टूबर 2014 का पुनर्विचार याचिका खारिज करने वाला आदेश भी निरस्त कर दिया गया।
निठारी कांड : जिसने देश को हिला दिया था
साल 2006 में नोएडा के निठारी गांव में मोनिंदर सिंह पंधेर के घर के पास नाले से बच्चों और युवतियों के कंकाल बरामद होने से देश दहल गया था। इस मामले में घर के मालिक पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली पर हत्या, रेप और नरभक्षण जैसे जघन्य अपराधों के आरोप लगे थे।
कोली को कुल 16 मामलों में मौत की सजा सुनाई गई थी। जनवरी 2015 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दया याचिका पर देरी के चलते सजा को उम्रकैद में बदल दिया। फिर 2023 में हाई कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में कोली और पंधेर को कई मामलों में बरी कर दिया था।
सीबीआई और पीड़ित परिवारों ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने 30 जुलाई 2025 को सभी 14 अपीलें खारिज कर दी थीं। अब कोर्ट के इस ताज़ा आदेश के बाद कोली की रिहाई का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।



