फर्नीचर की दुकान में लगी भीषण आग, 6 दमकलों ने 25 फेरे लगाकर 5 घंटे में पाया काबू
जूटमिल के गौरव पथ स्थित सिंघल फर्नीचर में हादसा, तीन ट्रक लकडिय़ां व अन्य सामान जलकर खाक, एक करोड़ से अधिक के नुकसान का अनुमान, शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका, जलते पेड़ से दो मंजिलों में फैली
रायगढ़। जूटमिल क्षेत्र में स्थित फर्नीचर दुकान और शोरूम में रविवार तड़के भीषण आग लग गई। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की छह गाडिय़ों ने 25 फेरे लगाकर करीब पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग इतनी भयानक थी कि कोई भी अंदर घुसने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। इसके चलते दो मंजिला दुकान में रखी करीब तीन ट्रक लकडिय़ां और फर्नीचर जलकर खाक हो गए। आग लगने के पीछे शार्ट सर्किट होने की आशंका जताई जा रही है।
दुकान मालिक के घर में चिंगारी उठने से फैली आग
जानकारी के मुताबिक, जूटमिल के गौरव पथ पर स्थित सिंघल फर्नीचर में रविवार तड़के करीब 3.30 बजे आग लग गई। बताया जा रहा है कि दुकान के पीछे ही दुकान के मालिक सुनील अग्रवाल का मकान है। वहां पर लगे तारों में शार्ट सर्किट से निकली चिंगारी और आग ने पहले तो लकडिय़ों को अपनी चपेट में लिया और फिर वहां लगे पेड़ में आग लग गई। इसके चलते आग बढ़ती गई और दो मंजिला दुकान को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया।
रमजना का समय होने के कारण मोहल्ले में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग उस समय जगे हुए थे। उन्होंने दुकान से आग निकलते देखी तो संचालक और पुलिस को सूचना दी। तब तक दुकान संचालक के मकान में भी आग फैल चुकी थी। किसी तरह वो पीछे के रास्ते से परिवार सहित जान बचाकर बाहर भागे। आग इतनी भीषण थी कि उसे बुझाने के लिए होमगार्डस की तीन फायर बिग्रेड मौके पर बुलाई गई, हालांकि वो काबू करने में नाकाफी साबित हुई।
लकडिय़ों में लगी आग के कारण तेजी लपटें ऊपर की ओर उठ रही थीं। इसे देखते हुए जिंदल और एनटीपीसी से भी फायर बिग्रेड की गाडिय़ों को मौके पर बुलाना पड़ा। करीब पांच घंटे की कड़ी मेहनत के बाद फायर ब्रिेगेड की टीम आग पर काबू पा सकी। हालांकि आग में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। हादसे की सूचना पर एसपी सहित पुलिस व प्रशासन के कई आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए। फिलहाल पूरे नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, आग करीब तड़के करीब 3 बजे के आसपास लगी होगी। उन्होंने दुकान में आग देखी तो गेट खोलकर अंदर खड़ीं तीन कारों को बाहर निकाला। इसके साथ ही नीचे रखे तमाम फर्नीचर भी निकालकर सामने वालों के मकान में शिफ्ट किए गए। इस दौरान किसी ने दुकान संचालक सुनील अग्रवाल को जानकारी दी। तब वो परिवार सहित जान बचाकर पीछे के रास्ते से बाहर निकल सके।