एनएसयूआई के 15 साल से कर रही मांग को शासन ने लगाई मुहर
आज दिनांक 12-06-19 को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कैबिनेट बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया यह फैसला शिक्षा के क्षेत्र में था शिक्षा के क्षेत्र में प्राइवेट स्कूल और कॉलेज में जिस प्रकार से बढ़ती बढ़ती जा रही है उसको लेकर कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया है और एक नए फीस विनियामक आयोग का गठन किया है जिसके चलते जो प्राइवेट स्कूल और कॉलेज हैं उस में मनमानी फीस ली जा रही है अब वह नहीं लिया जाएगा और सभी को एक समान फीस देने का अधिकार होगा जिसे मध्यमवर्ग और गरीब बच्चे भी अच्छे स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने का लाभ उठा सकते हैं।
लगातार 15 वर्षों से छत्तीसगढ़ एनएसयूआई फीस विनियामक की मांग करते आ रही थी जिसको आज छत्तीसगढ़ शासन ने इस मांग को पूरा किया है और फीस विनियामक आयोग का गठन किया है इस मांग को लेकर छत्तीसगढ़ एनएसयूआई ने लगातार 15 वर्षों से प्रदेश के हर जिले एवं शिक्षा मंत्री से इसकी मांग की थी और आखिरकार इस वर्ष इस मांग को पूरा कर लिया गया।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा जी ने कहा कि हम इस मांग को पूरे प्रदेश में पिछले कई वर्षों से करते आ रहे थे जैसे कि सभी प्राइवेट स्कूल और कॉलेजों में मनमानी फीस ली जा रही थी स्कूलों द्वारा फीस इसके माध्यम से मध्यमवर्गीय परिवार एवं गरीब परिवारों को बहुत ही ज्यादा कष्ट उठाना पड़ता था अपने बच्चों को एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने के लिए पर आज छत्तीसगढ़ शासन ने कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसला लिया है हम प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं कि इस प्रकार के आयोग का गठन छत्तीसगढ़ में किया गया है इससे मध्यम वर्गीय एवं गरीब परिवार अपने बच्चों को एक अच्छे स्कूल में भेज पाएंगे।।
पिछले दिनों जिला एनएसयूआई की टीम ने जाकर स्कूली शिक्षा मंत्री श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को ज्ञापन सौंपा था की जो स्कूल में मनमानी फीस ली जा रही है इसको लेकर एक आयोग बनाएं आज वह मांग पूरा हुआ है इसका हम छत्तीसगढ़ शासन कोबहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने जल्द से जल्द यह फैसला ले लिया है।।