चौकीदारों को बंधक बनाकर नक्सलियों ने तेंदूपत्ता गोदाम में लगाई आग
मैनपुर स्थित नाउमूड़ा तेंदूपत्ता गोदाम नंबर 3 को हथियारबंद नक्सलियों ने बनाया निशाना , नक्सलियों के जाने के बाद चौकीदार ने रेंजर को दी सूचना, दो करोड़ के नुकसान का अनुमान
गरियाबंद। नक्सलियों ने बुधवार तड़के राज्य सरकार के तेंदुपत्ता गोदाम में आग लगा दी। बड़ी संख्या में पहुंचे हथियाबंद नक्सलियों ने वहां तैनात चौकीदारों को बंधक बना लिया और फिर गोदाम को आग के हवाले कर दिया। नक्सलियों के जाने के बाद चौकीदार ने इसकी सूचना रेंजर को दी। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम, फायर ब्रिगेड और पुलिस समेत प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। दमकल की गाडिय़ों ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बड़ी संख्या में तेंदूपत्ता बोरा जलकर खाक हो गए। इससे करीब दो करोड़ रुपए के नुकसान बताया जा रहा है।
गोदाम में तीन चौकीदार कर रहे थे ड्यूटी, पुलिस बोली-लेवी वसूलने में नाकाम नक्सलियों ने की करतूत
जानकारी के मुताबिक, मैनपुर स्थित नाउमूड़ा में सरकारी तेंदूपत्ता गोदाम नंबर 3 बना हुआ है। बुधवार तड़के 15 से 20 की संख्या में हथियारबंद नक्सली पहुंच गए और उन्होंने ड्यूटी पर तैनात तीन चौकीदारों को बंधक बना लिाया। इसके बाद गोदाम में आग लगा दी। आग लगाने के बाद नक्सली कुल्हाड़ीघाट की ओर भाग निकले। नक्सलियों के जाने के बाद चौकीदार ने इसकी सूचना रेंजर दशरथ सिन्हा को दी। उन्होंने पुलिस और उच्चाधिकारियों को सूचित किया। थोड़ी ही देर में एसपी एमआर अहिरे पूरे अमले के साथ मौके पर पहुंच गए।
फायर ब्रिगेड भी मौके पर बुलाया गया, लेकिन तब तक गोदाम में रखे 15 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता जलकर राख हो चुका था। बताया जा रहा है कि आग में जलकर खाक हुए तेंदुपत्ता से करीब 1.75 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। गोदाम नंबर 3 में ठेकेदारों के अलावा सरकारी पत्ता भी रखा हुआ था। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। वहीं आग बुझने के बाद बचे हुए तेंदुपत्ता के बोरों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का भी काम किया जाना है। वहीं पुलिस की ओर से इसको लेकर पूछताछ भी जारी है।
बताया जा रहा है कि नक्सलियों की मैनपुर डिविजन कमेटी इलाके भर के तेंदूपत्ता संग्रहन के एवज में हर साल लेवी के रूप में मोटी रकम की वसूली कर लेती थी। इस बार पुलिस ने इसे रोकने विशेष अभियान चलाया था। संग्रहन के दरम्यान ही नक्सलियों के नेटवर्क को भी ध्वस्त कर दिया गया। एसपी एमआर अहिरे का भी मानना है कि इस बार वसूली नहीं करने के कारण इस तरह की करतूत को नक्सलियों ने अंजाम दिया है।