छत्तीसगढ़

ग्राम पंचायतों की मनरेगा पंजियों का हर तीन महीने में किया जाएगा पर्यवेक्षण

पंजियों के संधारण एवं आवश्यक प्रविष्टियां सुनिश्चित करने मनरेगा आयुक्त ने दिए निर्देश

रायपुर।. ग्राम पंचायतों में मनरेगा से संबंधित पंजियों का हर तीन महीने में पर्यवेक्षण किया जाएगा। पंजियों के समुचित संधारण एवं उनमें आवश्यक प्रविष्टियां सुनिश्चित करने ग्राम रोजगार सहायकों और पंचायत सचिवों को मार्गदर्शन दिया जाएगा। मनरेगा आयुक्त भीम सिंह ने सभी जिला कलेक्टरों और जिला कार्यक्रम समन्वयकों को परिपत्र जारी कर ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों के लिए निर्धारित सात पंजियों का समुचित संधारण अनिवार्यतः करने के निर्देश दिए हैं।
मनरेगा आयुक्त द्वारा सभी जिलों को जारी परिपत्र में निर्देशित किया गया है कि ग्राम रोजगार सहायकों को निर्धारित प्रपत्रानुसार सात पंजियां बनाने के लिए प्रिन्टिग प्रेस से मुद्रण के स्थान पर निर्धारित प्रारूप में हस्तलिखित रजिस्टरों को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। ग्राम पंचायतों में रजिस्टर तैयार करने 400-500 पेज तथा 200-300 पेज के कोरे रजिस्टर (लाईन वाली कॉपी) और आवश्यक स्टेशनरी के लिए उनकी मांग के अनुसार राशि मनरेगा के प्रशासकीय मद से उपलब्ध कराया जाए। रजिस्टरों की सुरक्षा हेतु उन पर जिल्द चढ़ाने के लिए ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने भी कहा गया है।
परिपत्र में कहा गया है कि जिला स्तर पर रजिस्टरों का मुद्रण या कॉपियों की खरीदी कर ग्राम पंचायतों को वितरित नहीं किया जाएगा। जिला पंचायतों द्वारा सभी सात रजिस्टरों के निर्माण, संधारण और उनको अद्यतन करने के संबंध में समय-समय पर शंकाओं व समस्याओं का समाधान किया जाएगा। जिला एवं जनपद पंचायत स्तर पर गुड गवर्नेंस के प्रशिक्षण के बाद जनपद पंचायत स्तर पर रोटेशन निर्धारित कर विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी सात रजिस्टरों का समुचित संधारण व अद्यतीकरण किया जा रहा है या नहीं, इसका हर तीन महीने में अवलोकन एवं पर्यवेक्षण किया जाएगा। इस संबंध में ग्राम रोजगार सहायकों और पंचायत सचिवों को जरूरी मार्गदर्शन भी दिया जाएगा। मनरेगा आयुक्त ने सभी जिलों को मनरेगा पंजियों के संधारण में इन दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

Related Articles

Back to top button