वनांचल क्षेत्र के हॉट बाजारों में पौष्टिक आहार और मोबाईल चिकित्सा सुविधा
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बस्तर से शुरू होंगी दो नई योजनाएं
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के वनवासियों के लिए दो नई योजनाओं की घोषणा की है। स्वास्थ्य और पोषण से जुड़ी ये योजनाएं वनवासियों के जीवन स्तर को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगी। छत्तीसगढ़ सरकार वनांचल क्षेत्र के लोगों को पौष्टिक आहार प्रदान करने के साथ ही मोबाईल चिकित्सा के माध्यम से हॉट बाजारों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएगी। ये योजनाएं देश में अपने किस्म की अनूठी योजनाएं होंगी। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इन योजनाओं की शुरूआत छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल से की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर के महादेव घाट में आयोजित हरदिया साहू समाज के वार्षिक सम्मेलन को संबोेधित करते हुए इन योजनाओं की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बस्तर संभाग में कुपोषण का प्रकोप सर्वाधिक है। यह समस्या हमें विरासत में मिली है। हम इस कलंक को मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है। बस्तर संभाग के कलेक्टरों को निर्देश दिए गए है कि आगामी एक वर्ष में इस समस्या को नियंत्रित किया जाए। ग्राम पंचायतों एवं महिला समूहों के माध्यम से स्थानीय लोगों की रूचि अनुरूप उन्हें पौष्टिक भोजन प्रतिदिन उपलब्ध कराया जाए। एक सप्ताह के अंदर कुछ पंचायतों में यह प्रयोग आरंभ हो जाएगा तथा एक माह में समस्याग्रस्त सभी जिलों में यह पावन कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह वन बाहुल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार नही होने से लोगों को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं नही मिल पा रहीं है। जिसके कारण बस्तर संभाग के सभी जिले स्वास्थ्य सूचकांकों में देश के सर्वाधिक पिछड़े जिलों में शामिल है। बस्तर एवं दंतेवाड़ा जिलों के कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वे तत्काल प्रयोग के तौर पर हॉट बाजारों के दिन वहां मेडिकल टीम भेजे। यह टीम में चिकित्सा दल, मोबाईल पैथालॉजी यूनिट, पोर्टेबल एक्स-रे यूनिट तथा सभी आवश्यक दवाएं लेकर जाएंगे और वहां पीड़ितों का उपचार करेंगे। यह व्यवस्था एक सप्ताह में आरंभ कर दी जाएगी तथा एक माह के अंदर समस्यामूलक जिलों के समस्त हॉट बाजारों में चिकित्सा दल भेजने की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी हॉट बाजारों में प्रति सप्ताह चिकित्सा दल अनिवार्यतः जाएं। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी कि इस व्यवस्था से सुदूर एवं दुर्गम स्थानों में रहने वाले लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा और वे स्वस्थ्य जीवन व्यतीत कर सकेंगे।