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मोदी का नेता पुत्रों पर प्रहार, कहा- ऐसे लोगों की पार्टी में कोई जगह नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेता पुत्रों के दुर्व्यवहार पर मंगलवार को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि जो भी हो, चाहे वह किसी का भी बेटा हो, मनमानी नहीं चलेगी। इस तरह का अक्खड़पन, दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। ऐसे लोगों और उनका समर्थन करने वालों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
कड़ा संदेश : भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय ने बीते दिनों इंदौर में नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटा था। इस पर कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले कतई बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
अहंकार नहीं होना चाहिए : सत्रहवीं लोकसभा में संसदीय दल की पहली बैठक के बाद भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में साफ कहा कि ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है। चाहे वह किसी का बेटा हो, सांसद हो अहंकार नहीं होना चाहिए। ठीक से व्यवहार करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका सीधा इशारा आकाश विजयवर्गीय की घटना की तरफ था। बैठक में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद थे।
पंचवटी अभियान : सदस्यता मुहिम का जिक्र करते हुए मोदी ने सांसदों से इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेने को कहा। उन्होंने कहा कि हर बूथ पर पांच पेड़ लगाएं। उन्होंने इसे पंचवटी अभियान का नाम दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह जुलाई को वाराणसी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तेलंगाना से इसकी शुरुआत करेंगे।
नए सांसद सीखें और चर्चा में सक्रियता से हिस्सा लें : मोदी ने कहा कि सांसद का चुनाव आसान नहीं होता है। जीत के बाद जवाबदेही बनती है। नए सांसदों के लिए संसद सीखने का सबसे बड़ा मंच है। उन्हें सदन में रहकर चर्चा में सक्रियता से हिस्सा लेना चाहिए।
सांसदों की अनुपस्थिति पर भी नाराजगी जताई : प्रधानमंत्री ने तीन तलाक विधेयक के मौके पर लोकसभा में सांसदों की कम उपस्थिति पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, उपस्थिति को लेकर सतर्क रहें।
प्रज्ञा मामले व गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी को लेकर सख्त रुख रहा था
गोडसे को देशभक्त बताने पर उन्होंने साध्वी प्रज्ञा को नसीहत दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह प्रज्ञा को कभी मन से माफ नहीं कर पाएंगे।
पिछले साल मानसून सत्र से पहले मोदी ने कहा था, गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं। राज्य सरकारों को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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