छत्तीसगढ़

संग्रहण केन्द्रों में सैकड़ों क्विंटल धान खुले में खाद्य मंत्री ने नाराजगी जताई

संग्रहण केंद्रों में धान भीगने की शिकायत पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे

रायपुर। प्रदेश के संग्रहण केंद्रों में धान भीगने की शिकायत पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे। वे आरंग और तिल्दा के संग्रहण केंद्रों का जायजा लिया। उन्होंने मिलिंग के लिए धान का उठाव जल्द से जल्द करने के भी आदेश दिए, लेकिन हथबंद के संग्रहण के केन्द्र में भारी अव्यवस्था का माहौल रहा। इस पर श्री भगत ने नाराजगी जताई। मंत्री के निरीक्षण से अधिकारी-कर्मचारियों में हड़कंप मचा रहा।
खाद्य मंत्री श्री भगत ने बताया कि मीडिया के जरिए उन्हें धान भीगने की जानकारी मिली थी। इसके बाद उन्होंने आरंग के बकतरा और तिल्दा के संग्रहण केंद्रों में धान के रख-रखाव का जायजा लेने आए हैं। खाद्य मंत्री ने कहा कि धान सुरक्षित हैं, लेकिन उठाव जल्द होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बाद में खाद्य मंत्री हथबंद भी गए। जहां संग्रहण केन्द्रों में सैकड़ों क्विंटल धान खुले में पड़े हुए मिले। इस पर खाद्य मंत्री ने नाराजगी जताई है।
खाद्य मंत्री ने अफसरों की बैठक लेते हुए संग्रहण केन्द्रों में खुले में पड़े धान की जानकारी ली। उन्होंने सुबह विभागीय अधिकारियों की बैठक लेने के बाद निरीक्षण के लिए सबसे पहले आरंग के बकतरा संग्रहण केंद्र पहुंचे और वहां धान के रख-रखाव का जायजा लिया। हालांकि ज्यादातर धान कैप कवर में रखा है। प्रदेश में एक नवंबर 2018 से 31 जनवरी 2019 तक समर्थन मूल्य पर 80 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। इसमें से अधिकांश धान संग्रहण केन्द्रों से उठा लिए गए थे, लेकिन अभी भी प्रदेश में 4 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खुले में पड़े हैं और वह बारिश में भींगकर खराब होने लगा है। लोगों ने इसकी शिकायत शासन-प्रशासन से करते हुए उसके जल्द उठाव पर जोर दिया है, ताकि शासन को ज्यादा नुकसान न हो। उन्होंने अफसरों की मनमानी की शिकायत भी की है।
श्री भगत ने विभाग के अफसरों को जल्द से जल्द मिलिंग के लिए धान का उठाव करने राइस मिलरों पर दबाव बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक धान के पड़े रहने पर खराब हो सकता है और इससे काफी नुकसान होगा।

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