छत्तीसगढ़

स्कूलों में दोपहर के भोजन से पहले नाश्ता भी मिलेगा

लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक ने शासन को भेजा प्रस्ताव

रायपुर। राज्य के स्कूली बच्चों को बेहतर पोषण देने के लिए सरकार योजनाएं बना रही हैं। इसी कड़ी में अब बच्चों को मध्याह्न – भोजन में दोपहर के भोजन से पहले नाश्ता भी मिलेगा। प्रदेश में बिलासपुर और कोरिया जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत होगी। फिलहाल नाश्ता देने का प्रस्ताव दो विकासखंडों में बिलासपुर के पेंड्रा और कोरिया के खडग़वां के लिए है।
बच्चों सप्ताह में हर दिन नाश्ता मिलेगा। फिलहाल मीनू को लेकर विचार चल रहा है। आंगनबाड़ी की तर्ज पर नाश्ते में रेडी टू ईट दिया जा सकता है। बता दें कि गुजरात में नाश्ता देने की शुरुआत सबसे पहले हुई थी। राज्य में सिर्फ दो विकासखंड में दो करोड़ रुपये का खर्च होगा। लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक एस प्रकाश के मुताबिक प्रस्ताव पर सहमति मिलते ही नाश्ता देंगे। फिलहाल प्रस्ताव भेजा गया है।
नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी की जानकारी भी स्कूलों में बच्चों को देंगे। नरवा के तहत बच्चों को शहर और गांव में खासकर नदी, तालाब, नहर आदि में जल को संरक्षित करने की सीख देंगे। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सरकार ने दस हजार स्कूलों में किचन गार्डन विकसित करने के लिए बजट स्वीकृत कर दिया है। सत्र 2019-20 के लिए केंद्र सरकार ने 550 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। स्कूल परिसर में बच्चों को स्वच्छ पर्यावरण और हरियालीयुक्त वातावरण के साथ- साथ अब भूख मिटाने के लिए ही नहीं, बल्कि पोषण आधारित मीनू भी रिवाइज होने जा रहा है।
प्राथमिक शाला के बच्चों को प्रोटीन 20 ग्राम और एनर्जी 450 कैलोरी मिलनी चाहिए। माध्यमिक स्तर के बच्चों को प्रोटीन 20 ग्राम और एनर्जी 700 कैलोरी मिलनी चाहिए।

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