चंद्रयान की लॉन्चिंग सफल, सैटेलाइट से मिल रहे अच्छे सिग्नल
चंद्रयान-2 का श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपराह्न 2 बजकर 43 मिनट पर प्रक्षेपण किया गया। देश के सबसे वजनी 43.43 मीटर लंबे जीएसएलवी-एमके3 एम1 रॉकेट की मदद से 3850 किलोग्राम भार वाले चंद्रयान-2 को 20 घंटों की उलटी गिनती के बाद प्रक्षेपित किया गया। पेश है चन्द्रयान-2 से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स- isro new” width=”740″ />
चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग सफल हुई है। लॉन्चिंग के बाद वैज्ञानिकों ने तालियां बजाकर मिशन का स्वागत किया। ISRO के चेयरमैन के. सिवन ने स्पेस सेंटर से इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान की लॉन्चिंग सफल रही है और सैटेलाइट से अच्छे सिग्नल मिल रहे हैं।
-इसरो के चेयरमैन सिवन ने तालियों के गड़गड़ाहट के बीच कहा कि वक्त रहते हमने मिशन से जुड़ी तकनीकी खामियां दूर कीं। वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत से ही चंद्रयान2 सफलतापूर्वक लांच हुआ। यह ऐतिहासिक कामयाबी हासिल करने के लिए हमने लगातार काम किया। उन्होंने कहा कि यह भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है। लॉन्चिंग टीम को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉन्चिंग टीम को बधाई देते हुए कहा कि ये प्रक्षेपण वैज्ञानिकों के संकल्प को दर्शाता है। यह मिशन अनुसंधान के लिए प्रेरित करेगा। चंद्रयान2 की लॉन्चिंग पर हर भारतीय को गर्व हो रहा है।
-मिशन की सफलता पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बधाई दी। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हम चंद्रयान 2 की सफलता की कामना करते हैं।
-रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी चंद्रयान 2 के सफल प्रक्षेपण पर वैज्ञानिकों की टीम को बधाई दी है।
-वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने चंद्रयान की सफल लॉन्चिंग पर वैज्ञानिकों को बदाई दी।
– इस मिशन में चंद्रयान-2 के साथ कुल 13 स्वदेशी पे-लोड यान वैज्ञानिक उपकरण भेजे जा रहे हैं।
– चन्द्रयान-2 को इसरो का सबसे मुश्किल मिशन माना जा रहा है। 15 जुलाई को तकनीकी परेशानी के कारण इस अभियान को रोकना पड़ा था।
– इसरो ने इतिहास रचा इतिहास। चंद्रयान-2 हुआ लांच।
– अंतरिक्ष में भारत की कामयाबी की नई कहानी।
– चंद्रयान-2 मिशन के डायरेक्टर ने चंद्रयान-2 के लॉन्च की इजाजत दे दी है। अब से चंद सेकंड्स 2.43 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया जाएगा।
– 130 करोड़ भारतीयों के साथ ही दुनियाभर की निगाहें चन्द्रयान-2 मिशन पर।
– चंद्रयान-2 का काउंटडाउन चल रहा है। अभी तक लीक्विड ऑक्सीजन की फिलिंग पूरी हो गई है, लीक्विड हाइड्रोजन की फिलिंग जारी है।
– चंद्रयान के प्रक्षेपण के लिए जीएसएलवी-एमके3 का प्रयोग किया जा रहा है। इस मिशन में पहली बार लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।
– चंद्रयान-2 के लॉन्च से पहले ISRO इस मिशन के बारे में पूरी जानकारी दे रहा है। चांद और पृथ्वी के बीच में 3,84,000 KM. की दूरी है। इस दूरी को पूरा करने में कुल 48 दिन लगेंगे।
– 48वें दिन चंद्रमा पर लैंडिंग होगी।
– चंद्रमा की सतह पर पानी की मात्रा का अनुमान लगाना, उसकी मिट्टी का परीक्षण, उसमें मौजूद खनिजों एवं रसायनों तथा उनके वितरण का अध्ययन करना और चंद्रमा के बाहरी वातावरण की ताप-भौतिकी गुणों का विश्लेषण इस मिशन के उदेश्य हैं।
– इस मिशन को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारी-भरकम रॉकेट जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (जीएसएलवी एमके 3) से लॉन्च किया जाएगा। जीएसएलवी को ‘बाहुबली’ के नाम से भी पुकारा जाता है। यह रॉकेट 44 मीटर लंबा और 640 टन वजनी है। इसमें 3.8 टन का चंद्रयान रखा गया है।