छत्तीसगढ़

‘गणेश’ को बचाने मेनका ने की भूपेश से बात छत्तीसगढ़ में हाथियों की प्रताडऩा पर जताई चिंता

रायपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पीपुल फॉर एनीमल की प्रमुख मेनका गांधी ने तमोर पिंगला में फॉरेस्ट अफसरों द्वारा बंधक बनाए जाने वाले गणेश हाथी को बचाने के लिए आज मुख्यमंत्र भूपेश बघेल से गुहार लगाई। उन्होंने दूरभाष पर मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि हाथियों को बंधक बनाकर रखने से वह डिप्रेशन में आ जाएगा। गंभीर रूप से वह बीमार भी पड़ सकता है। इसलिए, उसे जंगल के कोर एरिया में छोड़ दिया जाए या किसी एलिफैंट रिहैबिलीटेशन एरिया में रखा जाए। बताते हैं, मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिया कि कानून सम्मत कार्य करने के लिए वे अफसरों से बात करेंगे।
ज्ञातव्य है, गणेश को बंधक बनाने के लिए पीसीसीएफ वाईल्डलाइफ ने गणेश को बंधक बनाने के लिए आदेश जारी कर दिया है। पीपुल फॉर एनीमल की छत्तीसगढ़ विंग की प्रमुख कस्तूरी बलाल ने मेनका गांधी को छत्तीसगढ़ में फॉरेस्ट अफसरों द्वारा हाथियों के साथ किए जा रहे प्रताडऩा की सिलसिलेवार शिकायत की थी।
मेनका गांधी ने कस्तूरी को ईमेल करके बताया कि उनकी मुख्यमंत्री से बात हुई है। जल्द ही कोई नतीजा निकलेगा। मेनका गांधी ने गणेश के साथ ही यूपी से लाए गए हाथी को रायपुर में डिटेन करने के बाद उसके महावतों के खिलाफ बिना किसी कार्रवाई के छोड़ देने पर भी सीएम से चिंता जताई। उन्होंने कहा कि रायगढ़ में भी बीमार हाथी का रेस्क्यू करने में वन विभाग कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। कस्तूरी ने बात करने के दौरान उम्मीद जताई कि मेनका गांधी द्वारा मुख्यमंत्री से बात करने के बाद वन विभाग हाथियों के लिए शायद आगे आए। उन्होंने वन विभाग के सीनियर अफसरों पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों की लापरवाही से सारंगढ़ में बीमार हथिनी की मौत हो गई। पीपुल फॉर एनीमल वन विभाग को हाथियों को यातना से बचाने हर संभव मदद देने के लिए तैयार है। उनके पास एक्सपर्ट भी हैं। लेकिन, वन विभाग को इसमें कोई रुचि नहीं है।
कस्तूरी आज इस सिलसिले में फॉरेस्ट मिनिस्टर मोहम्मद अकबर से मुलाकात कर इसमें हस्त़क्षेप करने की मांग की। साथ ही रायपुर और रायगढ़ के डीएफओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वन मंत्री को लिखा है कि रायपुर डीएफओ को यूपी से लाए गए दो हाथियों के महावतों के खिलाफ कार्रवाई करते हुउ उन्हें जेल भेजना था। क्योंकि उनके पास ट्रांसपोर्टिंग पास नहीं था। हाथियों के संदर्भ में नियम है कि एक स्टेट से दूसरे स्टेट में ले जाने पर वाईल्ड लाइफ चीफ से ट्रांसपोर्टेशन पास चाहिए होता है। जबकि, दोनों महावतों के पास यूपी से यहां लाने कोई अनुमति नहीं थी। कुछ दिन तक रायपुर में उन्हें डिटेन करने के बाद उन्हें यूपी लौटने दिया गया। वन मंत्री ने कस्तूरी को आश्वस्त किया कि वे इस मामले में कार्रवाई करेंगे।

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