8 जिलों की 48 तहसीलों में सूखे का खतरा, राजस्व विभाग बना रहा रिपोर्ट
रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक तरफ राज्य के बस्तर संभाग के ज्यातर हिस्सों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। वहीं दूसरे हिस्से में सूखे के हालात हैं। 10 से अधिक तहसीलों में औसत बारिश का आंकड़ा 50 प्रतिशत से नीचे है, जबकि 50 से ज्यादा तहसील में 60 प्रतिशत से कम बारिश हुई है। असंतुलित बारिश के कारण बस्तर में जहां अधिक पानी के कारण फसल खराब हो रही है तो बाकी हिस्सों में पानी की कमी के कारण खेतों में दरारें पडऩे लगी हैं। राज्य के 8 जिलों के 48 तहसीलों में सूखे के हालात हैं।
बस्तर संभाग के सात जिलों में कुल 33 तहसील हैं। इनमें से 27 तहसीलों में 100 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है। कांकेर जिले की सात में से केवल एक अंतागढ़ तहसील में 110 प्रतिशत बारिश हुई है बाकी में आंकड़ा इससे नीचे है। चारामा में तो अभी केवल 58 प्रतिशत ही बारिश हुई है। नरहरपुर और कोयलीबेड़ा में आंकड़ा मुश्किल से 70 के करीब पहुंच रहा है। भानुप्रातपुर में 60 प्रतिशत बारिश हुई है।
साजा और डोंगरगढ़ की स्थिति चिंताजनक
मैदानी क्षेत्रों में आंकड़ों के लिहाज से साजा और डोंगरगढ़ तहसील की स्थिति ज्यादा खराब है। डोंगरगढ़ में 29.7 और साजा में केवल 32.5 प्रतिशत बारिश हुई है। बिलाईगढ़म में आंकड़ा 39.6, धमधा में 33.1 प्रतिशत तक पहुंचा है। हालांकि इन क्षेत्रों में किसानों के पास सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। इसके बावजूद बारिश नहीं होने से फसल खराब होने का खतरा मंडरा रहा है।
सरकार बना रही रिपोर्ट
सूखे की आहट से चिंतित सरकार ने पटवारियों को फसल की जमीनी पड़ताल कर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। पटवारी सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे कि किस किसान ने खेत में क्या फसल लगाया है और उसकी क्या स्थिति है। राजस्व विभाग के अफसरों के अनुसार पूरे हालात पर नजर रखी जा रही है। मानसून के हालात को लेकर शीघ्र ही बैठक होगी। इसमें समीक्षा के बाद आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।