छत्तीसगढ़

‘लोकवाणी’ की पहली कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- प्रदेश के एक हजार नरवा होंगे पुनर्जीवित

कार्यक्रम, सीएम ने ग्रामीणों के सवालों का दिए जवाब, किसानों के लिए ये संदेश

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समाज के हर वर्ग की भावनाओं, सवालों, सुझावों से अवगत होने तथा अपने विचार साझा करने के लिए ”लोकवाणी” शुरू किया। इसके माध्यम से सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश की जनता से मुखातिब हुए। इस दौरान सीएम कई लोगों के सवालों का जवाब भी दिए।
सीएम भूपेश बघेल ने ‘लोकवाणी’ के माध्यम से किसानों को संदेश देते हुए कहा है कि प्रदेश के किसानों को खेती के लिए किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होगी, सीएम ने कहा कि खेती के लिए फिलहाल पर्याप्त बारिश हो गई है, और जहां कम बारिश हुई है, वहां के लिए प्रदेश सरकार ने बेहतर किस्म की बीज तैयार की है, जोकि कम पानी में भी अच्छी पैदावार होती है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपनी पहली रेडियोवार्ता लोकवाणी के जरिए प्रदेश की जनता से रू-ब-रू हुए। इस रेडियोवार्ता मेें उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा बदलने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों एवं कार्यो की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण जनजीवन को खुशहाल बनाने के लिए शुरू की गई महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना को विस्तार से बताया। कृषि और ग्रामीण विकास विषय पर पहली कड़ी में पूछे गए सवालों के जबाव दिए। लोगों ने मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों 2500 रूपए में धान खरीदी, तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर 4 हजार रूपए मानक बोरा करने के साथ ही छत्तीसगढ़ के पारम्परिक त्यौहार हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा और विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश के लिए बधाई भी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार है। किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम मिलता है, तब वह पैसा गांव से लेकर शहर तक बाजारों में आता है। खेती चलती है तो कारखाने के पहिए भी चलते हैं। इसलिए हमने किसानों और उनके माध्यम से गांवों को समृद्ध बनाने की रणनीति अपनाई है। हमने 2500 रू. क्ंिवटल में धान खरीदी, कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी और वन टाइम सेटलमेंट का निर्णय लिया, ताकि जितनी जल्दी हो सके किसानों को अपना खोया हुआ मान-सम्मान वापस मिल सके। गांवों के हालात बदलने के लिए एक-दो उपाय से काम नहीं चलेगा। खेती की जमीन में भी सुधार हो, गांव में पशुधन के रास्ते से आने वाली आय बढ़े, फूड प्रोसेसिंग इकाइयां लगे, गांव की उपज का गांवों में वेल्यू एडीशन हो।सिंचाई और निस्तार के लिए पानी की स्थाई व्यवस्था हो।इसके लिये दीर्घकालिक योजना पर काम करतेे हुए हमने ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बारीÓ को संस्थागत रूप से विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश के एक हजार नरवा होंगे पुनर्जीवित
मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान और तकनीक की मदद से हम प्रदेश के 1000 नरवा को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है। वर्षा जल को सहेजने के लिये छोटे-बड़े वॉटर स्ट्रक्चर बनाएंगे। छत्तीसगढ़ में 20 हजार नाले एवं 285 नदियां है। 85 बारहमासी नदिया है। इसके बावजूद भी सिचिंत रकबा मात्र 31 प्रतिशत है। वर्षा के जल को हम सहेज नही पा रहें है। जल प्रबंधन नहीं होने के कारण हमारे ट्यूबवेल रिचार्ज नहीं हो पा रहे हैं। नरवा में सतत् जल प्रवाह होगा तो ट्यूबवेल में जलस्तर बना रहेगा। प्रदेश का 44 प्रतिशत भूभाग वनाच्छादित है इसलिये ऐसे वॉटर स्ट्रक्वर बनाएंगे जिससे पर्यावरण के या वन अधिनियम के उल्लघंन न हो। इससे न सिर्फ खेती किसानी बल्कि पेयजल एवं निस्तार के साथ ही उद्योगों के लिये जल की पर्याप्त उपलब्धता होगी। इससे पर्यावरण भी सुधरेगा।
गौठान से खेती की लागत होगी कम, बढ़ेंगे आजीविका केे साधन
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठान निर्माण के लिये 2000 गांवों को चिन्हित किया गया है। 900 गौठानों का लोकार्पण हो चुका है। चारा, पानी की व्यवस्था के साथ 5 एकड़ जमीन को गौठान के लिये घेरने से हमें चराई से बचने 1000 एकड़ फसली जमीन को घेरने की मंहगी कवायद नहीं करनी पड़ेगी। चराई से बचने लोग खेतों का फेंसिंग कराते हैं इससे कृृषि लागत बढ़ती है। फसल चराई के डर से किसान छत्तीसगढ़ में धान के बाद उतेरा की फसल लेना छोड़ दिए हैं। इसे रोकने हमने गांवों की गौठानों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया। गौठानों में गोबर से वर्मी खाद, उबटन, धूपबत्ती, गौमूत्र से विभिन्न औषधि आदि के निर्माण से गौठान समिति की आय होगी। अनाज में रासायनिक खाद और दवाईयों के दुष्प्रभाव को जैविक खेती से दूर किया जा सकता है। नरवा, गरवा,घुरवा, बारी योजना के संचालन की मांग लगातार आ रही है। शहरों में मवेशियों को खुले में छोडऩे से होने वाली दिक्कतों से निजात दिलाने गौठानों का संचालन किया जाएगा।
किसी भी परिस्थिति में किसान अपने को कमजोर न समझे
कमजोर मानसून के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान किसी भी परिस्थिति में अपने आपको कमजोर न समझें और न ही हिम्मत हारें। अल्प वर्षा या खण्ड वर्षा वाले क्षेत्रों में कम समय और कम पानी में पकने वाली किस्मों के बीज उपलब्ध कराएं गए हैं। किसानों को ‘फसल बीमा योजनाÓ का लाभ दिलाने 15 अगस्त के पहले अच्छी तरह छान-बीन करने को कहा गया है ताकि कोई भी किसान न छूटे, सबके प्रीमियम सही समय पर चला जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ सीजन में किसानों को सहकारी समिति और अन्य संस्थाओं के माध्यम से 8 लाख किं्वटल से अधिक बीज तथा 7 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ में अब हर साल आपका धान हम 2500 रू. क्ंिवटल में ही खरीदेंगे। इस फैसले से अब कोई ताकत हमें पीछे नहीं हटा सकती। केन्द्र सरकार से चाहे जो दर मिले, हम अपने वायदे पर कायम रहेंगे।
6 माह में 280 विद्युत उपकेन्द्रों का काम पूर्ण
प्रदेश में भरपूर बिजली उपलब्धता है। बिजली प्रदाय में सुधार के लिए हमने 6 माह में अभूतपूर्व कार्य किए गए है। 316 नए उपकेन्द्र बनाने का काम तेजी से पूरा करने का निर्णय लिया गया था, जिसमें से 280 उपकेन्द्रों का काम विभिन्न योजनाओं के तहत पूरा हो चुका है। पुराने उपकेन्द्रों में 210 नए ट्रांसफार्मर लगाने तथा क्षमता बढ़ाने के काम किए गए हैं। सरगुजा में छत्तीसगढ़ की बिजली पहुंचाने और गरियाबंद में कनेक्टिविटी की समस्या हल करने के ऐसे इंतजाम किए गए हैं, जिसका इंतजार बरसों से था। हमारी सरकार ने किसानों को नि:शुल्क बिजली देने की योजना जारी रखी है, जिसका लाभ 5 लाख किसानों को मिल रहा है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों को तो पूरी खपत पर बिजली बिल से छूट दी गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ‘लोकवाणी’ कार्यक्रम सुनने के लिए एवरग्रीन चौक शास्त्री बाजार में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पंडाल लगाया। जहां सभी लोगों ने मुख्यमंत्री की बातों को गौर पूर्वक सुना। साथ ही कई टेबल में टांजिस्टर लगाकर कांग्रेसियों और आम लोगों ने लोकवाणी सुनी, इस दौरान गांव के लोगों ने मुख्यमंत्री से सीधी बात करते हुए सवाल , जिसका सीएम भूपेश बघेल ने जवाब भी दिया है।

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