छत्तीसगढ़

जल शक्ति अभियान के तहत बालोद एवं रायपुर जिले ने देश में टाॅप फाइव में स्थान बनाया

अपर मुख्य सचिव द्वारा रायपुर एवं दुर्ग संभाग के नरवा, गरवा, घुरवा, बाडी और वृक्षारोपण के प्रगति की समीक्षा

रायपुर / पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल ने आज सुराजी ग्राम योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाडी की प्र्रगति और मनरेगा, वृक्षारोपण कार्य सहित विभिन्न बिंदुओं पर रायपुर एवं दुर्ग संभाग के कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और वन मण्डलाधिकारियों की संयुक्त बैठक ली।
रायपुर के न्यू सर्किट हाऊस में आयोजित इस बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, रायपुर संभाग के कमिश्नर जी.आर. चुरेन्द्र, दुर्ग संभाग के कमिश्नर दिलीप वासनीकर सहित राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री मण्डल ने जल शक्ति अभियान के तहत देश में उत्कृष्ट कार्य करने और टाॅप फाइव में स्थान बनाने वाले बालोद एवं रायपुर जिले के कलेक्टरों, मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और वन मण्डलाधिकारियों की तारीफ की और रायपुर कलेक्टर डाॅ. एस. भारतीदासन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. गौरव कुमार सिंह, बालोद के कलेक्टर श्रीमती रानू साहू, वन मण्डलाधिकारी श्री सतोविषा मजुमदार को पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। इस अभियान के तहत वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण, सघन वनीकरण के साथ-साथ पारंपरिक और अन्य जल निकायों एवं तालाबों का नवीकरण और वाटरशेड विकास आदि शामिल किये गये हैं।
श्री मण्डल ने कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा, बाडी राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना है। हाल ही में प्रदेश में 1900 गौठानों का लोकार्पण हुआ है। इनमें से अधिकांश गौठान काफी अच्छे बने है और आदर्श रूप से बनायें गये हैं। उन्होंने कहा कि इन गौठानों के बेहतर से बेहतर संचालन के लिए कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी और वन मण्डलाधिकारी साथ मिलकर पूरे समन्वय से कार्य करें और इसके लिए स्थानीय नागरिकों का भी पूरा सहयोग ले। उन्होंने इसके लिए फील्ड से नियमित रूप से फीडबैक प्राप्त करने तथा गौठानों से चारवाहों और महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़ने और वर्मी कम्पोस्ट की उपयोग को बढावा देने को कहा।
श्री मण्डल ने कहा कि चारा उत्पादन की दृष्टि से वर्षा ऋतु उपयुक्त है। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित 1560 चारागाहों में फोडर लगाने का कार्य करें। बाडी योजना के तहत प्रदेश में 1 लाख 34 हजार बाड़ियों का चयन किया गया है। इसी तरह 1 लाख 28 हजार नालों का चयन वाॅटर रिर्चाजिंग के लिए किया गया है। उन्होंने कृषि एवं उद्यानिकी आदि विभाग के अधिकारियों के सहयोग से बाड़ियों के विकास करने तथा मनरेगा के माध्यम से नालों की रिर्चाजिंग का कार्य शुरू करने को कहा।
अपर मुख्य सचिव ने आगामी तीन महिने में हर जिले में वनोपजों के प्रसंस्करण सेंटर के लिए वर्कशेड का निर्माण करने को कहा, जिससे जिले के वनोपजों और लघु वनोपजों का ज्यादा से ज्यादा दोहन हो सके और उनके मूल्य संवर्धन का कार्य हो सके। और इसके माध्यम से लोगों को आजीविका एवं आय के साधन बढायें जा सकें। प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि इसके लिए प्राथमिक समिति स्तर तक वनोपजों के संग्रहण के लिए स्टोरेंज बढानें पर भी जोर दिया जा रहा है।
बैठक में श्री मण्डल ने जिलों में संचालित वृक्षारोपण कार्य और नदियों के किनारें सघन वृक्षारोपण कार्य के प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण का कार्य अगस्त माह तक पूरा कर लें।
बैठक में कमिश्नर रायपुर श्री चुरेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में सुनिश्चित करें कि निस्तारी तालाब एवं वाॅटर बाॅडी आदि के कैचमेंट एरिया में किसी प्रकार का अतिक्रमण या व्यवधान तो नहीं है। उन्होंने स्कूल एवं अन्य कार्यालयों आदि के समीप सोख्ता गड्डा बनानें पर जोर दिया जिससे वर्षा आदि के पानी का रिचार्ज होता रहें। कमिश्नर दुर्ग श्री वासनीकर ने सड़क किनारे वृक्षारोपण पर जोर दिया।

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