छत्तीसगढ़

परीक्षा में बैठकर प्रश्न हल करने के लेते थे रुपए, इस तरह चढ़े स्क्वाड के हत्थे

भिलाई । उतई के आरटीसी ग्राउंड में आयोजित सीएपीएफ (सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स) की फिजिकल परीक्षा में 32 मुन्नााभाई की गिरफ्तारी के बाद अंतरराज्यीय गिरोह के दो और सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। गिरफ्तार आरोपितों में एक आरोपित ने कुछ अभ्यर्थियों की नौकरी लगवाने का जिम्मा लेते हुए उनसे पैसे लिए थे।
वहीं दूसरे आरोपित ने स्थानीय होने का फायदा उठाकर सभी आरोपितों का शहर का फर्जी निवासी व आधार कार्ड बनवाया था। पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद दोनों आरोपितों ने एक बड़े गिरोह के सक्रिय होने का पर्दाफाश किया है। साथ ही इस फर्जीवाड़े की तैयारी दो साल से चलने की जानकारी पुलिस को दी है।
उल्लेखनीय है कि सीआईएसएफ ट्रेनिंग सेंटर उतई (आरटीसी ग्राउंड) में 13 अगस्त को 32 मुन्नााभाई गिरफ्तार हुए थे। वहां पर सीएपीएफ भर्ती की फिजिकल परीक्षा आयोजित थी। लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को यहां पर फिजिकल परीक्षा में बुलाया गया था।
परीक्षा के दौरान सभी अभ्यर्थियों का थंब इंप्रेशन और फोटो लिया गया। जिसमें 32 ऐसे अभ्यर्थी मिले थे, जिनका थंब इंप्रेशन और फोटो लिखित परीक्षा के दौरान के डाटा से मैच नहीं हो रहा था। इसके बाद सीआईएसएफ के अधिकारियों ने उक्त आरोपितों को उतई पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और आपराधिक षडयंत्र की धाराओं के तहत कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा था।
इसी मामले में पुलिस ने ग्राम वल्लभगढ़ जिला फरीदाबाद हरियाणा निवासी आरोपित सतपाल सिंह (39) और ग्राम कोदवा बस स्टैंड साजा बेरला जिला बेमेतरा निवासी भूपेंद्र कुर्रे को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में सतपाल सिंह ने करीब 10 अभ्यर्थियों की नौकरी लगवाने की जिम्मेदारी ली थी।
आरोपित ने अभ्यर्थियों से सिर्फ फिजिकल टेस्ट निकालने के लिए कहा था। बाकी सभी काम उसने कराने का दावा किया था। इसके एवज में आरोपित ने अभ्यर्थियों से पांच से 10 लाख रुपये लिए थे। वहीं बेरला निवासी आरोपित भूपेंद्र कुर्रे ने स्थानीय होने का फायदा उठाकर सभी मुन्नााभाइयों का फर्जी निवासी प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बनवाया था।
2017 से चल रही थी फर्जीवाड़े की तैयारी
गिरफ्तार आरोपितों ने पुलिस को जानकारी दी कि इस भर्ती की प्रक्रिया वर्ष 2017 में शुरू हो गई थी और उसी समय से वे इस फर्जीवाड़े की तैयारी में जुट गए थे। आरोपित सतपाल सिंह और भूपेंद्र कुर्रे की मुलाकात हरियाणा के एक व्यक्ति के माध्यम से हुई थी। वह व्यक्ति पांच साल पहले छत्तीसगढ़ के एक जिले में रहकर फार्मिंग का काम करता था। आरोपित सतपाल सिंह ने भूपेंद्र कुर्रे से दस्तावेज बनवाने के लिए कहा और उसके एवज में उसे पैसे दिए थे।
दिल्ली तक जुड़ा का गिरोह का तार
आरोपितों ने पुलिस को यह भी जानकारी दी कि भर्ती परीक्षा में सेटिंग का तार दिल्ली तक जुड़ा है। इसमें कुछ बिचौलिये और विभागीय लोग भी हैं। उसी सेटिंग के दम पर आरोपित सतपाल सिंह ने अभ्यर्थियों की सीएपीएफ में नौकरी लगवाने की जिम्मेदारी ली थी। इस गिरोह में शामिल लोगों की पतासाजी के दौरान पुलिस ने दो और संदिग्धों को हिरासत में लिया है। उनसे पुलिस पूछताछ कर रही है। इस मामले में और भी लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। दो और आरोपित गिरफ्तार
इस मामले में दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपितों में एक बिचौलिया है। वहीं दूसरे ने पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों के फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। दोनों आरोपितों को न्यायालय के रास्ते जेल भेजा गया है।- सतीश पुरिया, टीआई उतई

Related Articles

Back to top button