नई उद्योग नीति अगले माह, उद्योग संगठनों से लिए जा रहे सुझाव, फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने प्रोत्साहित
रायपुर सरकार की औद्योगिक नीति अगले महीने सितंबर में जारी हो सकती है। नीति पर विचार-मंथन चल रहा है। अलग-अलग संगठनों से सुझाव लिए जा रहे हैं। नई नीति में फूड प्रोसेसिंग यूनिट और प्रदूषण विहीन उद्योगों की स्थापना के लिए विशेष प्रावधान किया जाएगा।
नई नीति अगले पांच साल के लिए होगी। सरकार ने छोटे उद्योगों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया है। फूड प्रोसेसिंग यूनिट और प्रदूषण विहीन उद्योग लगाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए कई तरह की रियायत भी दी जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक देश में भारी मंदी का दौर चल रहा है। ऐसे में निवेशकों को उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करने में मुश्किलें आ सकती है।
बताया गया कि नई नीति को आकर्षक बनाने के लिए उद्योग विभाग प्रयास कर रहा है। इसके लिए उद्योग संगठनों से सलाह मशविरा किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य राज्यों की नीति का भी अध्ययन किया जा रहा है। चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने उद्योग संचालक अनिल टुटेजा से मिलकर कई सुझाव भी दिए हैं। इसमें आईटी हब और रेडिमेंट इंड्रस्ट्रीज के लिए जमीन आबंटन नियमों को पारदर्शी बनाने का सुझाव दिया है। नई नीति में एकल खिड़की की व्यवस्था करने का सुझाव दिया गया है। यह कहा गया कि ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि समय सीमा के भीतर उद्योग लगाने की अनुमति मिल जाए।
चेम्बर ने चावल के अलावा कृषि आधारित उद्योगों को विशेष दर्जा देने का सुझाव दिया है। इसके अलावा लघुवनोपज आधारित उद्योग लगाने के लिए भी कहा गया है। सब्जियां-फल की इंड्रस्ट्रीज को प्रमोट करने से फूड प्रोसेसिंग को भी महत्व मिलेगा। जमीन की डायवर्सन की समस्या न हो इस दिशा में भी प्रावधान किए जाने चाहिए। पर्यटन क्षेत्र को उद्योग से जोडऩे के लिए भी कदम उठाना जरूरी है। इससे विस्तार होने के साथ-साथ राज्य में बाहर से पैसा आएगा और यह उद्योग पूरी दुनिया में सफल रहा है। प्रतिनिधि मंडल में जैन जीतेन्द्र बरलोटा के साथ-साथ कोषाध्यक्ष प्रकाश अग्रवाल, रमेश अग्रवाल और प्रकाश लालवानी सहित अन्य थे।