भारत ने पाकिस्तान का प्रस्ताव माना, कुलभूषण जाधव से मिलेंगे भारतीय अधिकारी
भारत ने पाकिस्तान के उस ऑफर को स्वीकार कर लिया है जिसमें उन्होंने पाक जेल में बंद भारतीय नागारिक व पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव कराने की बात कही थी। हालांकि, भारत ने बिना किसी शर्त के राजनयिक मदद मिलने की बात कही थी। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा था कि 49 वर्षीय जाधव को वियना संधि, अंतराष्ट्रीय अदालत के फैसले और पाक कानून के तहत सोमवार को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई जाएगी। इससे पहले पाक सरकार ने पिछले महीने जाधव को सशर्त पहुंच मुहैया कराने का फैसला किया था।
क्या है वियना संधि
आजाद और संप्रभु देशों के बीच आपसी राजनयिक संबंधों को लेकर सबसे पहले 1961 में वियना सम्मेलन हुआ। इसके तहत एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय संधि का प्रावधान किया गया, जिसमें राजनियकों को विशेष अधिकार दिए गए। इसके आधार पर ही राजनियकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का प्रावधान किया गया है।
गौरव अहलूवालिया करेंगे कुलभूषण जाधव से मुलाकात
सरकार के सूत्र से एएनआई को मिली जानकारी के अनुसार, भारत के डिप्टी हाईकमिश्नर गौरव अहलूवालिया ने कहा कि कुलभूषण जाधव से मुलाकात करेंगे। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान सही माहौल सुनिश्चित करेगा, ताकि बैठक स्वतंत्र, निष्पक्ष और सार्थक हो सके। उन्होंने कहा कि आईसीजे के आदेशों की भावना के अनुरूप हो।
अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी गया था जाधव मामला
भारत ने बीते शुक्रवार को स्पष्ट किया था कि जाधव के लिए तुरंत, प्रभावी और अबाधित राजनयिक पहुंच चाहते हैं। सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी जाधव को ईरान से पकड़ा था, जहां वह कारोबार के संबंध में गए हुए थे। वहीं पाक का दावा कि जाधव को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने तीन मार्च, 2016 को जासूसी और आतंक के आरोप में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। भारत इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय अदालत ले गया था।
क्या है वियना संधि
आजाद और संप्रभु देशों के बीच आपसी राजनयिक संबंधों को लेकर सबसे पहले 1961 में वियना सम्मेलन हुआ। इसके तहत एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय संधि का प्रावधान किया गया, जिसमें राजनियकों को विशेष अधिकार दिए गए। इसके आधार पर ही राजनियकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का प्रावधान किया गया है।