आईएनएक्स केस / चिदंबरम बोले- नजरबंद कर दें, किसी को नुकसान नहीं होगा; सुुप्रीम कोर्ट ने कहा- तिहाड़ नहीं भेजेंगे
सुप्रीम कोर्ट में चिदंबरम की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई, सीबीआई से कहा- एक दिन रिमांड बढ़वा लें
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने सीबीआई हिरासत के विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी है
हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद 21 अगस्त को चिदंबरम की गिरफ्तारी हुई थी
नई दिल्ली.आईएनएक्स मीडिया केस में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई की। उन्होंनेयाचिका में सीबीआई की विशेष अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें सीबीआई हिरासत में भेजा गया था। बेंच ने पूर्व वित्त मंत्री से कहा किवह अंतरिम राहत के लिए संबंधित अदालत में जाएं। हालांकि, बाद में शीर्ष अदालतने अपने आदेश में संशोधन किया। सीबीआई से कहा कि वह विशेष अदालत से चिदंबरम की रिमांड एक दिन के लिए बढ़वा लें। सीबीआई ने चिदंबरम को विशेष अदालत में पेश किया। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा।
इससे पहले वकीलने जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच से कहा कि उनकी (चिदंबरम) उम्र 74 साल है, उन्हें नजरबंद किया जाए। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि उन्हें तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाएगा। 20 अगस्त को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अगले दिन चिदंबरम की गिरफ्तारी हुई थी।
एयरसेल-मैक्सिस: चिदंबरम और कार्ति की अग्रिम जमानत पर फैसला 5 सितंबर तक सुरक्षित
दूसरी ओर, एयरसेल-मैक्सिस डील में भी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति की अग्रिम जमानत याचिका पर विशेष अदालत में सुनवाई हुई। एडिशनल सॉलिसीटर जनरल केएम नटराज ने सीबीआई और ईडी की ओर से पैरवी की। उन्होंने कहा कि एयरसेल-मैक्सिस डील में कई फर्जी कंपनियों के जरिए सिंगापुर और ब्रिटेन के खातों में लेनदेन का पता चला है। विदेशी बैंक खाते, संपत्ति का अधिग्रहण और फर्जी कंपनियों के जरिए पैसों की हेराफेरी की गहन जांच होनी है। इसलिए कस्टडी जरूरी है। अगर आरोपियों की जमानत मंजूर की गई तो वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। नटराजन ने कोर्ट को सील बंद लिफाफे में केस से जुड़े कुछ सबूत दिए। कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध किया। कोर्ट ने 5 सितंबर तक फैसला सुरक्षित रखा।
चिदंबरम का दावा- मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा कोई सबूत नहीं
इससे पहले विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को चिदंबरम को 2 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। उन्होंने जज अजय कुमार को बताया था कि सीबीआई अफसर मुझे तीन फाइलें बार-बार दिखा रहते रहे। उनके पास मनी लॉन्ड्रिंग के जुड़े कोई दस्तावेज नहीं हैं।
ईडी ने पूछताछ से जुड़े दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट को सौंपे थे
इसी दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने आईएनएक्स मीडिया केस से पूछताछ से जुड़े दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में पेश किए थे। इस पर जस्टिस आर भानुमती और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने दस्तावेज के अध्ययन के बाद सुनवाई की बात कही थी।
21 अगस्त को गिरफ्तार हुए थे चिदंबरम
दिल्ली हाईकोर्ट ने 20 अगस्त को चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद सीबीआई ने 21 अगस्त को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। वह 12 दिन से कस्टडी में हैं। ट्रायल कोर्ट से जांच एजेंसी को तीन बार चिदंबरम की रिमांड मिल चुकी है।
वित्त मंत्री रहते हुए विदेशी निवेश की मंजूरी दी थी
आरोप है कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए रिश्वत लेकर आईएनएक्स को 2007 में 305 करोड़ रु. लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। जिन कंपनियों को फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चलाते हैं। सीबीआई ने 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था। 2018 में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। एयरसेल-मैक्सिस डील में भी चिदंबरम आरोपी हैं। इसमें सीबीआई ने 2017 में एफआईआर दर्ज की थी।