चिदंबरम और शिवकुमार के बाद कांग्रेस के इस बड़े चेहरे पर शिकंजा, जानें क्या है मामला
सीबीआई ने एक माह के भीतर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचक नेता माने जाने वाले डी के शिवकुमार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर शिकंजा कस लिया है। हरीश रावत पर सीबीआई की सख्ती के कारण कांग्रेस की भी मुश्किलें बढ़नी तय हैं। हरीश उत्तराखंड और केंद्र स्तर पर कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं।
अभी सीबीआई ने हाईकोर्ट के सामने मुकदमा दर्ज करने की बात कही है। ऐसे में अचानक उन पर सीबीआई की कार्रवाई होने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान होगा। खासतौर पर, उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के लिहाज से कांग्रेस पार्टी की तैयारियों को बड़ा झटका लगेगा। यहां पंचायत चुनाव का बिगुल अब कभी भी बजने वाला है। रावत जैसे बड़े चेहरे की घेरेबंदी का नुकसान पार्टी को उठाना पड़ सकता है।
हरीश रावत पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के साथ असम प्रभारी का जिम्मा रहा है। वह विस चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बुरी तरह हारने के बाद भी लगातार सक्रिय थे। राज्यभर में मूवमेंट के साथ ही लगातार छोटे-छोटे आयोजन कर वह जनता के बीच कांग्रेस के लिए माहौल बनाने में जुटे हुए थे।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दो बार की थी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से पूछताछ
सीबीआई ने आखिरकार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर गहरी और लंबी जांच के बाद फंदा कस लिया। वर्ष 2016 से जांच कर रही सीबीआई ने इतने सबूत जुटा लिए हैं कि हरीश रावत के खिलाफ एफआईआर कर सके। सीबीआई के इस मजबूत फंदे की पहली कड़ी 29 अप्रैल 2016 को प्रारंभिक जांच शुरू होने के साथ जुड़ी।
इसके बाद सीबीआई हरीश रावत के स्टिंग मामले में हर कड़ी को जोड़ती गई। इस मामले से जुड़े हर शख्स की कुंडली तैयार की गई। इसके बाद सीबीआई ने हरीश रावत से 24 मई और 26 दिसंबर 2016 को पूछताछ की। तब उनसे करीब पांच पांच घंटे कई सवाल जवाब किए गए थे। हरीश रावत इनमें से ज्यादातर सवालों के जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 21 अगस्त 2019 को नैनीताल हाईकोर्ट में इस मामले की जांच पूरी होने की रिपोर्ट दे दी।
कांग्रेस का वार
सीबीआई जिस कथित सीडी को कार्रवाई का माध्यम बना रही है, उसी सीबीआई को मौजूदा समय में सत्ता पक्ष से जुड़ी सीडी आखिर क्यों नजर नहीं आ रही है। उसका संज्ञान क्यों नहीं लिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आवाज उठाने वालों को सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स समेत दूसरी सरकारी एजेंसियों के जरिये दबाया जा रहा है। कांग्रेस पूरी तरह से हरीश रावत के साथ है। इस अघोषित आपातकाल के खिलाफ मजबूती से लड़ा जाएगा। हमें न्यायालय पर पूरी तरह भरोसा है।
-प्रीतम सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
पूरी तरह बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है। इतने साल तक सीबीआई चुप क्यों थी। अभी तक चार्जशीट क्यों नहीं दी गई है। यह सीधे तौर पर केंद्र सरकार का दमनकारी रवैया है। कांग्रेस पूरी तरह से अपने नेता हरीश रावत के साथ है। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान मैं खुद प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ वहां मौजूद रहूंगी।
डॉ. इंदिरा हृदयेश, नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि यह मामला हाईकोर्ट के विचाराधीन है। मुझे न्यायिक व्यवस्था पर पूरा विश्वास है। मुझे पूरी उम्मीद है कि जीत आखिर में सत्य की होगी। मंगलवार को ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत के दौरान हरीश रावत ने जहां न्यायिक व्यवस्था पर विश्वास जताया, वहीं केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा। रावत ने कहा कि मेरी एक शंका का समाधान अब तक कोई भी नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि डकैती मेरे घर में हुई। और माल जिसके घर में बरामद हुआ, अब तक वहीं पड़ा है। आरोप मुझ पर लग रहा है कि मैंने अपने ही घर में चोरी कर माल दूसरे के घर में डाल दिया। बकौल रावत, मैं अपने घर के माल का दोषी हूं। और, जिसके घर में माल पाया जा रहा है, वो साहूकार है। सीबीआई अपने कर्तव्य का पालन कर रही है। हम इसमें पूरा सहयोग करेंगे।
सीबीआई जांच में पूरा सहयोग किया
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीबीआई जांच में सहयोग की बात कही। उन्होंने कहा कि जब-जब सीबीआई ने मुझे पूछताछ के लिए बुलाया, मैं सीबीआई के पास गया और पूरा सहयोग किया। हरीश रावत ने सीबीआई के दुरुपयोग पर भी इशारा किया।