Chandrayaan-2 पर रायपुर के एक घर से रही खास निगाह
रायपुर । चंद्रयान 2 को भारत ने अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने में बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है। यह कामयाबी पूरी तरह से भारत के वैज्ञानिकों की है जिन्होंने दिन-रात के अपने परिश्रम से चंद्रयान दो बनाया,बल्कि उसे स्थापित भी कर दिया।
इस मिशन की खास बात यह है कि इसमें हमारे अपने शहर का बेटा आदित्य भी है। आदित्य उस टीम का हिस्सा है जिसने चंद्रयान को चांद की सतह पर स्थापित करवाया। वे कंट्रोल कमांड टीम के हिस्से हैं। आदित्य कंट्रोल-कमांड टीम की सबसे प्रथम पंक्ति में भी बैठे नजर आए।
मुरली से बात की थी और चंद्रयान के चांद पर लैंडिंग के पहले भी। उन्होंने कहा कि आदित्य से कुछ शुक्रवार की शाम सात बजे उनकी बातचीत हुई थी। टीम विश्वास से लबरेज है। कामयाबी शुक्रवार-शनिवार की रात 12 के बाद मिलेगी। आदित्य ने यह भी कहा था कि यह जॉइंट एडवेंचर है जिसमें हर एक सदस्य की अहम भूमिका है। मुरली लगातार टीवी पर निगाह जमाये रहे।
मंगलयान में भी रही अहम जिम्मेदारी- आर.मुरली ने ‘नईदुनिया’ को बताया कि 2013 में मंगलयान और इसके बाद कई और यान को अंतरिक्ष में पहुंचने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही आदित्य की रूचि स्पेस साइंस में रही। जो उन्हें आज इस मुकाम तक ले गई।
आदित्य के बारे में जानें-
आर. आदित्य का जन्म रायपुर में ही हुआ। पिता आर. मुरली लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर हैं और मां रामलक्ष्मी एलआईसी में अफसर हैं। ये दक्षिण भारत से संबंध रखते हैं और तेलगू भाषी हैं। साल 2012 में आदित्य का आईआईटी जेईई के जरिए भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिवेन्द्रम में चयन हुआ। तब से वे वहीं सेवा दे रहे हैं।
जानें चंद्रयान दो का महत्व, डॉ. पांडेय से-
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के पूर्व एवं खगोल शास्त्री कुलपति डॉ. एसके पांडेय ने ‘ बातचीत में कहा कि यह बहुत बड़ा मिशन है और सफल रहा तो बड़ी कामयाबी मानी जाएगी। कामयाबी इसलिए भी क्योंकि चंद्रयान- 2 उस जगह पर लैंड हो रहा है, जहां पर किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। जहां अंधेरा है। वहां वॉटर मोल्यूक्यूल के बारे में चंद्रयान जानकारी देगा। इस मिशन से पूरा देश जुड़ा हुआ है। हर कोई चंद्रयान की बात कर रहा है क्योंकि ये हर किसी को कनेक्ट करता है। ये देश की कामयाबी है। बतां दें कि यह 100 फीसद देसी यान है।