पाक के विदेश मंत्री ने कबूला सच, कहा- जम्मू-कश्मीर है ‘भारतीय राज्य’
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को संभवत: अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर स्वीकार किया कि जम्मू एवं कश्मीर एक ‘भारतीय राज्य’ है। उन्होंने यहां कहा, “भारत दुनिया के सामने ऐसा दिखावा कर रहा है कि जम्मू एवं कश्मीर में जीवन सामान्य हो गया है। अगर वहां जन-जीवन सामान्य हो गया है तो फिर वह आपको (अंतरार्ष्ट्रीय मीडिया को) वहां क्यों नहीं जाने देते हैं। वे फिर क्यों नहीं अंतरार्ष्ट्रीय संगठनों, एनजीओ और सिविल सोसायटी संगठनों को भारतीय राज्य जम्मू एवं कश्मीर में जाने देते हैं और फिर उन्हें वहां की सच्चाई क्यों नहीं देखने देते हैं।”
कुरैशी संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार परिषद को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे, जहां उन्होंने भारत के विरुद्ध कई दावे किए और बेबुनियाद आरोप लगाए।
भारत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दजार् देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान ने इस मामले में तीसरे देश के हस्तक्षेप की काफी कोशिश की थी, लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी, जिसके बाद पाकिस्तान ने यूएनएचआरसी में यह मामला उठाया है।
पाकिस्तान ने इस बाबत अमेरिका और रूस जैसे देशों के सामने गुहार लगाई और मुस्लिम कार्ड खेलकर खाड़ी देशों का समर्थन हासिल करने की कोशिश की।
पाकिस्तान ने इसके अलावा भारत के साथ युद्ध की धमकी देकर दुनिया को ब्लैकमेल करने की कोशिश की और कहा कि वह अफगानिस्तान में आतंकवाद के विरुद्ध अंतरार्ष्ट्रीय युद्ध में मदद नहीं कर पाएगा।
हालांकि, सभी देशों ने इस मामले से दूर रहने का फैसला किया, अधिकतर देशों ने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है और कुछ ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर पर किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय तरीके से सुलझाना जाना चाहिए।
नई दिल्ली का मानना है कि चूंकि जम्मू एवं कश्मीर को 1947 में वैध तरीके से भारतीय संघ में मिला लिया गया था, इसलिए राज्य से जुड़े सारे मामले आंतरिक हैं।
अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को 1950 में दिए गए विशेष दजेर् को हटाने पर सरकार का पक्ष है कि भारतीय संविधान में ये प्रावधान अस्थायी प्रकृति के थे और इसकी उपयुक्तता को समाप्त करना किसी भी तरह का उल्लंघन नहीं है।
भारत ने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर पर पाकिस्तान से किसी भी तरह की बातचीत पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर पर होगी।