अंतागढ़ उपचुनाव में लेन-देन, आयकर जांच संभव
राजेश मूणत के साथ-साथ मंतूराम भी घेरे में आ सकते हैं
रायपुर। अंतागढ़ उपचुनाव में लेन-देन के आरोपों की आयकर विभाग जांच करेगा। मुख्य आयकर आयुक्त एसके सिंह ने गुरूवार को कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद प्रकरण दर्ज किया जाएगा। इस प्रकरण में सिर्फ राजेश मूणत ही नहीं, मंतूराम पवार भी जांच के घेरे में आ सकते हैं।
पूर्व विधायक मंतूराम पवार ने धारा-164 के तहत कोर्ट में पिछले दिनों अपना बयान दर्ज कराया था। जिसमें उन्होंने अंतागढ़ उपचुनाव में दबाव के चलते नाम वापस लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि पूरे मामले में करीब साढ़े 7 करोड़ का लेन-देन हुआ है। पवार के बयान के बाद कांग्रेस आक्रामक मुद्रा में आ गई है। कांग्रेस के नेताओं ने नाम वापसी के लिए जिम्मेदार नेताओं पर कार्रवाई की मांग की है।
हालांकि प्रकरण की एसआईटी जांच कर रही है, लेकिन दो दिन पहले कांग्रेस के नेता ईडी दफ्तर पहुंचे थे और उन्होंने इसको मनी लॉड्रिंग का प्रकरण करार दिया। साथ ही साथ उन्होंने मंतूराम पवार के बयान की छायाप्रति सौंपकर लेन-देन की प्रकरण की जांच की मांग की थी। गुरूवार को विधायक कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय, पूर्व विधायक रमेश वल्र्यानी और अन्य नेता इनकम टैक्स दफ्तर पहुंचे। उन्होंने मुख्य आयकर आयुक्त एसके सिंह से मुलाकात कर प्रत्याशी खरीद में इस्तेमाल की गई राशि देने वालों को इनकम टैक्स की जांच के दायरे में लाने की मांग की थी।
मंतूराम पवार ने आरोप लगाया कि राजेश मूणत के बंगले में साढ़े 7 करोड़ की डील हुई थी। इस पर कांग्रेस नेता, आयकर आयुक्त श्री सिंह से राजेश मूणत को जांच के घेरे में लेने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पैसा कहां से आया, इसकी जांच होनी चाहिए। आयकर आयुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि प्रारंभिक जांच पड़ताल के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि राजेश मूणत ही नहीं मंतूराम पवार की भी जांच होगी। इससे यह अटकलें लगाई जा रही है कि मंतूराम पवार की मुश्किलें बढ़ सकती है।