वर्ल्ड बैंक छत्तीसगढ़ सरकार की ’नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी’ योजना में करेगा मदद
मुख्यमंत्री से वर्ल्ड बैंक के कंट्री हेड श्री जुनैद कमाल अहमद ने की मुलाकात, कृषि की नई तकनीक के उपयोग और उत्पादन वृद्धि से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श
रायपुर, 19 सितम्बर 2019/वर्ल्ड बैंक छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना ’नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी विकास योजना’ के लिए मदद देगा। रायपुर के प्रवास पर आए वर्ल्ड बैंक के कंट्री हेड श्री जुनैद कमाल अहमद ने आज सवेरे यहां मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से उनके निवास कार्यालय में मुलाकात की। श्री अहमद ने मुख्यमंत्री श्री बघेल और इस अवसर पर उपस्थित कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे के साथ छत्तीसगढ़ के कृषि की दृष्टि के कम विकसित क्षेत्रों में नई तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने और कृषि उत्पादन में वृद्धि के उपायों से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री ने श्री अहमद को प्रदेश में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए प्रारम्भ की गई सुराजी गांव योजना ’नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी विकास योजना’ की विस्तृत जानकारी दी। श्री बघेल ने बताया कि इस योजना में ग्रामीणों का स्वतःस्फूर्त सहयोग मिल रहा है। श्री जुनैद ने खेती-किसानी की प्रगति के लिए शुरू की गई इस योजना की सराहना करते हुए, छत्तीसगढ़ में ’नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी विकास योजना’, कृषि क्षेत्र के विकास और कृषि आधारभूत संरचनाओं के लिए वर्ल्ड बैंक के माध्यम से हर-संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
श्री बघेल ने वर्ल्ड बैंक के कंट्री हेड श्री जुनैद को बताया कि नरवा योजना में नदी-नालों को रिचार्ज करने का कार्य किया जा रहा है। गरवा के माध्यम से पशुधन विकास के कार्य किये जा रहे हैं। जिसमें गांवों में गौठान और चारागाह विकसित किये जा रहे हैं। गौठानों को पशुओं के डे-केयर सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां पशुओं के लिए छाया और पानी की व्यवस्था की जा रही है, साथ ही पशुओं के गोबर से घुरवा में कम्पोस्ट और वर्मी खाद तथा बायो गैस का उत्पादन किया जाएगा। गौठानों में पशु नस्ल सुधार के कार्यो के साथ दुग्ध उत्पादन के लिए भी कार्य किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस कार्य से गांव के महिला स्वसहायता समूहों और युवाओं को जोड़ा जा रहा है। इस योजना से पशुओं से फसल बचाने के लिए खेतों को घेरने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, किसानों को जैविक खाद उपलब्ध होगी, कृषि लागत कम होगी, लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में दो हजार गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है जिनमंे से लगभग डेढ़ हजार गौठान बन गए हैं। बाड़ी योजना में किसानों के घरों की बाड़ी में सब्जियों और मौसमी फलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पौष्टिक आहार उपलब्ध हो सकेगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के.डी.पी. राव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी और मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।