CG BREAKING | कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष चयन किया सख्त, अब लिखित आवेदन जरूरी …

नई दिल्ली/रायपुर। कांग्रेस पार्टी ने इस बार जिलाध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी तरह सख्त और पारदर्शी बना दिया है। अब किसी भी दावेदार को केवल मौखिक रूप से दावा करने के बजाय, लिखित आवेदन के साथ विस्तृत जानकारी देना अनिवार्य होगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने इसके लिए 12 बिंदुओं पर आधारित 3 पेज का आवेदन-पत्र तैयार किया है, जिसे हर दावेदार को पर्यवेक्षकों को सौंपना होगा। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य ऐसे लोगों को आगे लाना है, जो वास्तव में संगठन, समाज और पार्टी के प्रति सक्रिय और प्रतिबद्ध हैं।
आवेदन में क्या-क्या जानकारी मांगी गई है
फॉर्म में सबसे पहले व्यक्तिगत विवरण के साथ दावेदार के सभी सोशल मीडिया हैंडल (व्हाट्सएप, फेसबुक, एक्स आदि) की जानकारी देनी होगी।
इसके अलावा पार्टी में सक्रिय रहने की अवधि, अब तक संभाले गए पदों का वर्षवार विवरण, लड़े गए चुनावों के परिणाम और वोट प्रतिशत की जानकारी भी मांगी गई है।
सामाजिक सक्रियता होगी प्रमुख मानक
इस बार कांग्रेस ने सामाजिक योगदान और जनसंपर्क को प्रमुख मानक बनाया है। दावेदारों से पूछा गया है कि वे किस सामाजिक संगठन से जुड़े हैं, उनकी गतिविधियां क्या हैं, और उन्होंने पार्टी के प्रशिक्षण शिविरों में कब और कहां भाग लिया है।
दल-बदल और आपराधिक मामलों की जानकारी जरूरी
जो दावेदार दूसरी पार्टियों से कांग्रेस में आए हैं, या पहले निष्कासित हुए हैं, उन्हें इसकी पूरी जानकारी देनी होगी। साथ ही, अगर किसी पर आपराधिक मामला लंबित या निपटाया गया है, तो उसकी जानकारी भी आवेदन के साथ अनिवार्य रूप से देनी होगी।
बताना होगा अध्यक्ष बनने का कारण
आवेदन पत्र में सबसे अहम सवाल है – “आप जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष क्यों बनना चाहते हैं?” दावेदार को इस प्रश्न का ठोस और लिखित उत्तर देना होगा, जिसमें अपनी योग्यता, कार्ययोजना और पार्टी को खुद को चुनने का कारण स्पष्ट करना होगा।
समीकरण भी रहेंगे प्रभावी
पार्टी ने प्रक्रिया को भले ही पारदर्शी बनाया हो, लेकिन सूत्रों का कहना है कि राजनीतिक समीकरण, जातीय संतुलन और संगठनात्मक समीपता जैसे कारक अब भी चयन में भूमिका निभाएंगे।
वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि यह नई प्रणाली आंतरिक गुटबाजी और बाहरी दबाव को कम करेगी, जिससे जिलाध्यक्षों की नियुक्ति तथ्यपरक और निष्पक्ष होगी।



