दंतेवाड़ा की जनता ने 9 माह के काम पर मुहर लगाई-भूपेश
रमन सरकार का विकास का केंद्र बिंदु कमीशनखोरी था और हमारा आम आदमी
रायपुर, 28 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को दंतेवाड़ा की जीत पर कहा कि दंतेवाड़ा की जनता ने सरकार के 9 महीने के काम पर मुहर लगाई है। उन्होंने रमन सरकार पर तीखे वार किए और कहा कि पिछली सरकार ने विकास का केंद्र बिंदु कमीशनखोरी और ठेकेदारों को मजबूत करना था, जबकि हमारी ने सरकार विकास का केंद्र बिंदु आम आदमी है जो कि बेरोजगारी, कुपोषण का शिकार है।
मुख्यमंत्री ने राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दंतेवाड़ा में कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा पिछले चुनाव में मात्र 22 सौ वोट से पीछे रह गई थी। इस बार हार के अंतर को पाटकर उपचुनाव में 11 हजार 3 सौ से अधिक वोटों से जीत हासिल की है। इस जीत के कई मायने हैं। यह आम मतदाताओं और कार्यकर्ताओं की जीत है।
श्री बघेल ने जीत के कारणों को गिनाते हुए कहा कि डीएमएफ की राशि स्वीमिंग पुल, एयर स्ट्रीप और बड़े-बड़े परंपरागत निर्माण पर न खर्च कर आम आदमी पर खर्च किया है। उन्होंने कहा कि कुपोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है। 45 फीसदी से अधिक महिलाएं खून की कमी से जूझ रही हैं, उन्हें पौष्टिक आहार देने का काम किया है। हाट बाजार क्लीनिक योजना शुरू कर गरीब आदिवासियों को मुफ्त इलाज सुविधाएं मुहैया कराई गई है।
श्री बघेल ने कहा कि दुनियाभर में आदिवासियों की जमीन छीनी जाती है। हमारी सरकार ने लोहंडीगुड़ा में 42 सौ एकड़ आदिवासियों की जमीन वापस की। तेंदूपत्ता का समर्थन मूल्य बढ़ाया, पट्टा वितरण किया और ऋण माफी जैसी योजना से आम किसानों को फायदा पहुंचा। यही वजह है कि पिछले चुनाव में 31 फीसदी वोट मिले थे, इस बार बढक़र 43 फीसदी वोट हासिल हुए। सरकार के कार्यों और कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से वोटों में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
मुख्यमंत्री ने पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह और केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के प्रशासन तंत्र पर दबाव के आरोपों को नकारते हुए कहा कि खिसियानी बिल्ली खम्भा नोंचे। रमन सिंह वहां कितने दिन रहे, यह पता नहीं है। केन्द्रीय राज्य मंत्री ने खुद बताया कि वे तीन दिन दंतेवाड़ा में रही। जबकि मैं खुद 48 घंटे रहा। ऐसे में दबाव किसका ज्यादा था यह अंदाजा लगाया जा सकता है। उनका आरोप हास्यास्पद है।
श्री बघेल ने यह भी कहा कि डाक मतपत्र में भाजपा को 188 वोट मिले जबकि कांग्रेस को 49 वोट ही मिले। ऐसे में यह साफ है कि सरकारी कर्मचारी किसके पक्ष में थे। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा की जनता ने इन सबको नकार दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि सरकार की योजनाओं को लेकर जनता के पास गए थे। दंतेवाड़ा सबसे समृद्ध जिला है और करीब 500 करोड़ रुपये डीएमएफ के मद में मिलता है। लेकिन पिछले सरकार ने डीएमएफ की राशि का बंदरबांट किया है। यही वजह है कि जनता ने भाजपा को नकार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार महेन्द्र कर्मा के सपनों को पूरा करेगी।