CG DHARM PARIVARTAN RULE | बिना सूचना धर्म बदलना अब होगा मुश्किल !

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए नया ‘धार्मिक स्वतंत्रता कानून’ लाने की तैयारी में है। गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि यह विधेयक आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। कानून लागू होने के बाद बिना प्रक्रिया और अनुमति के धर्म परिवर्तन करना संभव नहीं होगा।
धर्म बदलने से पहले देनी होगी 60 दिन की सूचना
सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित कानून में यह व्यवस्था होगी कि कोई भी व्यक्ति यदि धर्म बदलना चाहता है तो उसे 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचना देनी होगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि धर्म परिवर्तन दबाव, प्रलोभन या झांसे में आकर न हो, बल्कि पूरी तरह स्वेच्छा से किया जाए।
‘चंगाई सभाओं’ पर भी सख्ती
सरकार का कहना है कि कई क्षेत्रों में “चंगाई सभाओं” के नाम पर ऐसे आयोजन होते हैं जहां धार्मिक रूपांतरण की कोशिशें की जाती हैं। नए बिल में ऐसे आयोजनों को नियंत्रित करने या अनुमति आधारित बनाने का प्रावधान जोड़ा जा सकता है। अवैध धर्मांतरण करवाने वालों के खिलाफ कड़ा दंड और त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था भी इस कानून में शामिल होने की संभावना है।
शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है बिल
14 से 17 दिसंबर तक चलने वाले चार दिनों के विधानसभा सत्र में यह बिल पेश किया जा सकता है। सरकार का कहना है कि मौजूदा कानून की तुलना में नया कानून कहीं अधिक कठोर और प्रभावी होगा।
समर्थन और विरोध दोनों
इस प्रस्ताव का कुछ आदिवासी संगठनों ने समर्थन किया है, वहीं कई सामाजिक समूह इसे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए विरोध कर रहे हैं। नया कानून लागू होने पर प्रशासन को अवैध धर्म परिवर्तन की जांच और कार्रवाई के व्यापक अधिकार मिल जाएंगे।
अगले दिनों में बढ़ेगी राजनीतिक हलचल
बिल का अंतिम मसौदा विधानसभा में पेश होने के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन इतना तय है कि यह मुद्दा आने वाले हफ्तों में छत्तीसगढ़ की राजनीति, समाज और प्रशासन में बड़ी बहस का कारण बनेगा।



