छत्तीसगढ़ में बोनस ने बढ़ाया तीन लाख हेक्टेयर धान का रकबा
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के बोनस ने खरीफ सीजन में धान की खेती का रकबा सीधे तीन लाख हेक्टेयर बढ़ा दिया है। इस बार करीब 41 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई होने की संभावना है। इसी वजह से सरकार ने धान खरीद का लक्ष्य बढ़ा दिया है। इस वर्ष 85 लाख टन धान की खरीद होने की संभावना है, जबकि पिछले वर्ष करीब 80 लाख टन की खरीद हुई थी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि धान का रकबा बढ़ने से किस फसल का रकबा घटा है।
कृषि विभाग के अफसरों के अनुसार इस वर्ष मानसून की वजह से उत्पादन प्रभावित हो सकता। सीजन की शुस्र्आत में राज्य के कई हिस्सों में वर्षा की कमी थी, जबकि अब ज्यादा बारिश हो रही है। इसके बावजूद धान की बोवाई का रकबा बढ़ने का अनुमान है। विभागीय अफसरों के अनुसार राज्य में बीते कई वर्षों से खरीफ सीजन में करीब 38 लाख हेक्टेयर में ही धान की बोवाई हो रही है। धान, ज्वार और मक्का-कोदो-कुटकी का कुल रकबा 41 लाख हेक्टेयर के आसपास रहा है। इसी तरह इस सीजन में दलहन का रकबा दो लाख, तिलहन का एक लाख 85 हजार और सब्जी व अन्य फसल एक लाख हेक्टेयर में लगाए जाते हैं।
दलहन का बढ़ा, तिलहन घटा
खरीफ सीजन में बीते चार वर्षों में दलहन और तिलहन के रकबे में अंतर आ गया है। 2013 में दलहन का कुल रकबा एक लाख 99 हजार हेक्टेयर था अब वह बढ़कर दो लाख से पार पहुंच गया है। इसके विपरीत तिलहन का रकबा करीब दो लाख 14 हजार हेक्टेयर से घटकर एक लाख 85 हजार के आसपास रह गया है। इसी तरह साग-सब्जी व अन्य फसलों का रकबा भी एक लाख 20 हजार से घटकर एक लाख हेक्टेयर के करीब रह गया है।
रबी सीजन में रकबे में कमी
खरीफ के विपरीत रबी सीजन में धान और गेहूं समेत अन्य अनाज के बुवाई के रकबे में कमी आई है। 2016-17 में करीब तीन लाख 16 हजार हेक्टेयर में अनाज की बुवाई हुई थी। 2017-18 में घटकर दो लाख 14 हजार हेक्टेयर रह गई। वहीं, दलहन का रकबा पांच लाख 86 हजार से बढ़कर छह लाख हेक्टेयर और तिलहन का 63 हजार से बढ़कर 70 हजार हेक्टेयर पहुंच गया।
धान पर प्रति क्विंटल करीब 750 रुपए अतिरिक्त दे रही सरकार
राज्य सरकार धान पर करीब 750 रुपए प्रोत्साहन राशि दे रही है। इससे राज्य में प्रति क्विंटल धान के लिए 2500 रुपए मिल रहा है। धान पर 750 रुपए की प्रोत्साहन राशि सरकार इस वर्ष भी देगी।