मुख्य सचिव सुनील कुजूर को एक्सटेंशन देने पर भारत सरकार सहमत नहीं
आईएएस सीके खेतान और आरपी मंडल की दावेदारी मजबूत
रायपुर। मुख्य सचिव सुनील कुजूर को एक्सटेंशन देने पर भारत सरकार सहमत नहीं है। पता चला है, सामान्य प्रशासन विभाग के लेटर और रिमाइंडर को डीओपीटी ने खारिजी फाइल में डाल दिया है।
कुजूर का 31 अक्टूबर को रिटायरमेंट है। राज्य सरकार ने उन्हें छह महीने का एक्सटेंशन देने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा था। पिछले महीने भारत सरकार को रिमाइंडर भी भेजा गया था। लेकिन, केंद्र इसके लिए तैयार नहीं है।
दरअसल, राज्य और केंद्र में विरोधी पार्टी की सरकारें हैं। एक पार्टी की सरकार हो तो ऐसे फैसलों में दिक्कत नहीं जाती। एक्सटेंशन की फाइल डीओपीटी से होते हुए लास्ट में प्रधानमंत्री तक जाती है। प्रधानमंत्री ही इसे अनुमोदित करते हैं। लेकिन, बताते हैं कुजूर की फाइल पीएम तक पहुंचने से पहले ही डिस्पोज कर दी गई है। डीओपीटी में स्थापना शाखा एडिशनल सिकरेट्री पीके त्रिपाठी देखते हैं।
मंत्रालय के अफसरों का कहना है, एक्सटेंशन की फाइलें उपर लेवल में चर्चा हुए बगैर नीचे के अफसर उपर बढ़ाते नहीं। किसी राज्य के सीएम अगर प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत आग्रह करते हैं, तभी इस मामले में बात कुछ आगे बढ़ पाती है।
कुजूर 86 बैच के आईएएस हैं। 33 साल की सेवा में वे 19 साल छत्तीसगढ़ में रहे। कुजूर सौम्य और शालीन आईएएस माने जाते हैं। हमेशा वे लो प्रोफाइल रहे। लंबी सेवा के बाद भी कभी किसी विवादों या अनियमितताओं में उनका नाम नहीं आया। हालांकि, पिछली सरकार में वे हमेशा हांसिये पर रहे। आखिरी समय में पिछली सरकार ने पहली बार उन्हें कुछ ठीक-ठाक पोस्टिंग देते हुए सिकरेट्री एग्रीकल्चर बनाया था। वरना, लंबे समय तक उन्हें ग्रामोद्योग और हस्तशिल्प में बिताना पड़ा। कांग्रेस सरकार ने इस आदिवासी आईएएस को सूबे का चीफ सिकरेट्री बनाया।
जानकारों का कहना है, जीएडी चाहे तो कुजूर के लिए फिर से एक बार रिमाइंडर भेज सकता है। लेकिन, यह भी सही है कि अब टाईम काफी कम है। आठ दिन ही कुजूर के रिटायरमेंट में बचे हैं। सीएम दिल्ली में हैं। वे अगर एफर्ट करें तो एक्सटेंशन की फाइल एक बार फिर रिओपन हो सकती है। वरना, अब चांस नहीं है।
कुजूर का एक्सटेंशन न मिलने की दशा में अब इस कुर्सी के लिए 87 बैच के आईएएस सीके खेतान और आरपी मंडल की दावेदारी मजबूत हो गई है। सरकार को इन्हीं में से किसी नाम पर मुहर लगाना होगा। हालांकि, चर्चा अमिताभ जैन से लेकर अजय सिंह और एन बैजेंद्र कुमार की भी हो रही है। लेकिन, अमिताभ जैन की चर्चा में आधार इसलिए नहीं है क्योंकि उनका अभी लंबा समय बाकी है। फिर, उन्हें सीएस बनाने पर कई अफसरों को मंत्रालय से बाहर करना पड़ेगा। क्योंकि, खेतान और मंडल से वे जूनियर हैं। अजय सिंह एक बार सीएस रह चुके हैं। सरकार ने उन्हें हटाकर कुजूर को मुख्य सचिव बनाया था। रही बात बैजेंद्र कुमार की तो वे अभी एनएमडीसी के सीएमडी हैं। उन्हें रिलीव होने में हफ्ता-दस दिन का प्रासेज लगेगा। सरकार के करीबी सूत्रों का कहना है, कुजूर को एक्सटेंश्न न मिलने की दशा में नए सीएस के लिए सरकार ने नाम तय कर लिया है। 31 अक्टूबर को इसका ऐलान हो जाएगा। संकेत हैं, सरकार ठीक-ठाक प्रोफाइल वाले अफसर को ही चीफ सिकरेट्री अपाइंट करेगी, जो सीएम भूपेश बघेल जैसे फास्ट गति से काम कर सकें।