किसानों के वोट से जीते हैं, तो साथ खड़े क्यों नहीं होंगे – भुपेश बघेल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे फिर से प्रधानमंत्री से मुलाकात की कोशिश कर धान खरीदी की अनुमति देने की मांग करेंगे
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर केंद्र सरकार से धान खरीदी की अनुमति देने का आग्रह किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले 2 साल नियमों को शिथिल कर धान खरीदी की अनुमति दी थी, तो अब अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। श्री बघेल ने इस सिलसिले में राज्यपाल द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जाने पर आभार भी जताया। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के वोट से चुनाव जीते हैं, तो उनके पक्ष में खड़े क्यों नहीं होंगे।
मुख्यमंत्री ने राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में चावल लेने से केंद्र की मनाही पर कहा कि उन्होंने 7वें महीने में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। इसके बाद 9वें महीने में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से मिलकर धान खरीदी की अनुमति देने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2 साल से नियम को शिथिल कर बोनस देने पर धान खरीदी की अनुमति दी थी, लेकिन इस बार दुर्भाग्य से अब तक आदेश जारी नहीं हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे फिर से प्रधानमंत्री से मुलाकात की कोशिश कर धान खरीदी की अनुमति देने की मांग करेंगे। उन्होंने राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के प्रति आभार व्यक्त किया कि उन्होंने धान खरीदी की अनुमति देने के लिए केंद्र को चिट्ठी लिखी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संघीय व्यवस्था है। पिछले साल तक सेंट्रल पुल में 24 लाख टन चावल लेती रही है। इस बार हमने धान खरीदी का लक्ष्य बढ़ाकर 85 लाख टन कर दिया है। ऐसे में सेंट्रल पुल से चावल 32 लाख टन लेने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों से केंद्र चावल लेती है, तो छत्तीसगढ़ को इससे वंचित नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए नेता प्रतिपक्ष और भाजपा सांसदों को भी पहल करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान-बोनस का असर यह रहा कि छत्तीसगढ़ में धनतेरस के मौके पर खूब खरीदारी हुई है। मीडिया में सराफा, ऑटोसेक्टर और
अन्य में जमकर खरीदारी की बात सामने आई है। किसानों-गरीबों के जेब में पैसा डालेंगे, तो मंदी का असर खत्म होगा। छत्तीसगढ़ में मंदी का असर नहीं पड़ा है।
उन्होंने चित्रकोट उपचुनाव में जीत पर कहा कि बरसों बाद ऐसा हुआ है जब बस्तर की सभी सीटें किसी एक पार्टी को गई है। श्री बघेल ने कहा कि इसके लिए बस्तरवासी बधाई के पात्र हैं। सरकार बनने के बाद कार्यक्रमों में परिवर्तन लाया है। विश्वास, विकास और सुरक्षा के चलते बस्तरवासियों का दिल जीतने का काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि डीएमएफ की बंदरबांट को रोकने की दिशा में काम किया है। प्रजातांत्रिक व्यवस्था की गई है। व्यक्ति को इकाई मानकर उस पैसे से विकास की दिशा में काम किया गया है।
ईवीएम से चुनाव में पारदर्शिता नहीं
श्री बघेल ने कहा कि ईवीएम से चुनाव पारदर्शी तरीके से नहीं हो पाए हैं। मतदाता को यह विश्वास नहीं रहता कि जिन्हें वोट दिए हैं, उसे मिला है। पढ़े -लिखे लोग भी ईवीएम को लेकर सशंकित रहते हैं। जबकि मतपत्र के जरिए मतदान से सबकुछ साफ रहता है। यही वजह है कि हमने नगरीय निकाय के चुनाव मतपत्र से कराने का फैसला लिया है।