अन्तर्राष्ट्रीय

शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार करेंगे भारतीय राजनयिक

अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने इस ख़बर को प्रमुखता से जगह दी है. भारत सरकार ने ये फैसला ओलंपिक के मशाल धारक को लेकर लिया है. दरअसल, साल 2020 में हुए गलवान घाटी झड़प में शामिल चीनी सेना के कमांडर क्यूयी फ़बाओ को इस प्रतियोगिता का टॉर्च बियरर बनाया गया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा,”वास्तव में इस बात पर खेद है कि चीनी पक्ष ओलंपिक जैसे आयोजन का इस्तेमाल राजनीति के लिए कर रहा है. मैं ये बताना चाहता हूँ कि बीजिंग में भारत के दूतावास के प्रभारी शीतकालीन ओलंपिक 2022 के उद्घाटन या समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे.”

हालांकि, भारत ने शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार नहीं किया है. लेकिन इसमें हिस्सा लेने के लिए सरकार ने कोई उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा है.

बता दें कि चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुए गलवान घाटी संघर्ष में भारत के 20 जवानों की मौत हो गई थी. चीन को भी नुक़सान पहुँचा था. लेकिन चीन ने इस संघर्ष में मारे गए जवानों की संख्या आधिकारिक तौर पर कभी सार्वजनिक नहीं की.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि अरुणाचल के एक युवक का कथित तौर पर चीनी सेना द्वारा अपहरण किए जाने के मामले में भारत ने विरोध दर्ज़ कराया है. 17 साल के मिराम तारोन को चीनी सैनिकों ने 27 जनवरी को भारतीय सेना को सौंप दिया था.अब मिराम तारोन के परिवार का आरोप है कि चीन में उन्हें प्रताड़ित किया गया. अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि चीनी अधिकारियों के सामने इस मामले को उठाया गया है. (bbc.com)

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