छत्तीसगढ़

स्मार्ट कार्ड योजना, नए राज्य नोडल अफसर की नियुक्ति नहीं मिलीभगत की आशंका, कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ का सरकार को पत्र

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने प्रदेश में स्मार्ट कार्ड योजना के सुचारू संचालन के लिए नए अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति जल्द करने की मांग राज्य सरकार से की है। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि स्मार्ट कार्ड योजना के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी की संविदा नियुक्ति 30 सितंबर को समाप्त हो रही है, लेकिन नए अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई है, जो कई संदेह, भ्रष्टाचार व मिलीभगत की आशंका को जन्म दे रहा है।
चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. गुप्ता ने कहा है कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना व आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के वर्तमान में कार्यभार संभाल रहे अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी की संविदा नियुक्ति शासन के आदेशानुसार 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगी। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि 30 सितंबर से पहले नए अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यभार संभालने तक ही वर्तमान अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी कार्य करेंगे, पर अब तक इस दिशा में ना कोई विज्ञापन निकाला गया है, ना ही किसी प्रकार की प्रक्रिया शुरू की गई, जो अनेक संदेह, भ्रष्टाचार व मिलीभगत की आशंका को जन्म दे रहा है।
उन्होंने कहा है कि नए अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी की समय पर नियुक्ति न होने से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना व संजीवनी सहायता कोष के सुचारु संचालन में बाधा उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में राज्य में संचालित आयुष्मान भारत में उल्लेखित गाइडलाइन के अनुसार नए अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया तत्काल शुरू करायी जाए।
बीमा कंपनी चयन प्रक्रिया शुरू करने सीएम को पत्र
प्रदेश कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने स्मार्ट कार्ड योजना के टेंडर प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि प्रदेश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना एवं संजीवनी सहायता कोष योजना के लिए 16 सितंबर 2018 से काम कर रही हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का टेंडर 15 सितंबर 2019 को समाप्त हो रहा है। नई कंपनी के लिए टेंडर प्रक्रिया जुलाई के अंतिम हफ्ते से पहले अपेक्षित थी, पर अब तक उसकी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। यह सब कुछ वर्तमान कंपनी को फायदा पहुंचाने के संदेह व भ्रष्टाचार को जन्म दे रहा है। उन्होंने मांग की है कि 1 अक्टूबर 2019 से उक्त योजनाओं का जनहित में सुचारू क्रियान्वयन के लिए नई कंपनी की चयन प्रक्रिया शुरू कराई जाए।

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