HC NOTICE | CIMS में 15 करोड़ की मशीनें अटकीं, हाई कोर्ट ने सरकार को घेरा

बिलासपुर, 14 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) बिलासपुर में आधुनिक उपकरणों और मेडिकल डिवाइस की खरीदी नहीं होने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) के डायरेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया। रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि सरकार द्वारा 15 करोड़ रुपये की मंजूरी मिलने के बावजूद, चार महीने बाद भी सिम्स तक कोई नई मशीन नहीं पहुंची।
डिवीजन बेंच ने कहा कि पर्याप्त बजट होने के बाद भी उपकरणों की आपूर्ति नहीं होना गंभीर लापरवाही है, जिससे मरीजों और डॉक्टरों दोनों को परेशानी उठानी पड़ रही है। अदालत ने यह भी कहा कि आधुनिक उपकरणों से न सिर्फ इलाज की गुणवत्ता सुधरती, बल्कि ज्यादा संख्या में मरीजों का इलाज संभव होता।
इस बीच, सिम्स ने 66 लाख रुपये में सोनोग्राफी और डायलिसिस मशीनें खरीदीं, लेकिन यह संख्या आवश्यकता के मुकाबले बहुत कम बताई गई। डॉक्टरों का मानना है कि अगर नए उपकरण जल्दी उपलब्ध हो जाएं तो इलाज का स्तर और बेहतर हो सकेगा।
अदालत ने स्वास्थ्य सचिव और CGMSCL के प्रबंध निदेशक को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।



