युद्ध के 28वें दिन दहला यूक्रेन का मारियुपोल, बम विस्फोट के बीच फंसे 2 लाख आम नागरिक, जानिए बड़ी बातें
नई दिल्ली, 23 मार्च । यूक्रेन रूस जंग को लगभग एक महीना होने को है. इस दौरान रूस यूक्रेन के हर बड़े शहरों को तबाह कर चुका है. इन हमलों में हजारों लोग मारे जा चुके हैं. जबकि लाखों से ज्यादा लोग पलायन कर रहे है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, जंग की शुरुआत से अब तक यूक्रेन से 34 लाख लोगों ने अपना घर छोड़ पलायन किया है और शरणार्थी के तौर पर पड़ोसी मुल्कों में जाकर शरण लेकर रह रहे हैं. पलायन करने वाले ज्यादातर लोगों में बूढ़े, महिलाएं और बच्चे हैं. इन लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी मुल्कों में शरण ली हुई है. अधिकतर लोगों ने पोलैंड और रोमानिया में शरण लिया है.
इस बीच रूस ने मंगलवार को मारियुपोल शहर में दो शक्तिशाली बम विस्फोट किया. जिसके कारण यह शहर बुरी तरह से दहल उठा. लगातार हो रहे हमले के बीच यूक्रेनी अधिकारी नागरिकों को बचाने की कोशिश में लगे हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच ने एक स्थानीय अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इस रणनीतिक शहर में 200,000 से अधिक लोग फंसे हुए हैं.
आइये जानते हैं युद्ध से जुड़ी बड़ी जानकारियां
28 दिनों के लगातार हमले के बाद भी रूस यूक्रेन पर कब्जा करने में नाकामयाब रहा है. युद्ध को तकरीबन एक महीना होने वाला है अबतक युद्ध का कोई भी नतीजा नहीं निकल पाया है. युद्ध में रूसी सेना मजबूत स्थिति में जरूर दिखाई दे रही है, अभी भी यूक्रेन रशिया का सामना पूरी मजबूती से कर रहा है, वहीं मारियुपोल में भी रूस को यूक्रेनी सेना से मुंहतोड़ जवाब मिल रहा है. यूक्रेनी सेना ने मारियुपोल में शहर के बीचोबीच रूसी ठिकानों पर टैंक से हमले किए. यूक्रेनी सेना की टूकड़ी के इस हमले से कुछ घंटे पहले ही रूसी सेना ने मारियुपोल में स्थित यूक्रेनी सेना के ठिकानों को नष्ट कर दिया था.
यूक्रेन आरोप लगा रहा है कि रूस इस युद्ध के दौरान फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल कर रहा है. यूक्रेन की मानवाधिकार संस्था ने भी रूस की ओर से फॉस्फोरस बम के इस्तेमाल किए जाने का दावा किया है. फॉस्फोरस एक प्रकार का रंगहीन केमिकल है. ये ऑक्सीजन के संपर्क में आने से तेजी से जलता है. श्वेत फॉस्फोरस मोम जैसा मुलायम रवेदार पदार्थ होता है. इसमें लहसुन जैसी गंध होती है. प्रकाश में छोड़ देने पर यह धीरे-धीरे पीला हो जाता है. युद्ध के समय विस्फोटकों और धुंए का आवरण के लिए भी फॉस्फोरस का उपयोग होता है. पीला फॉस्फोरस बेहद ही विषैला होता है और और इसका धुंआ भी काफी घातक होता है.
यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने ट्वीट के जरिये बताया कि युद्ध में अब तक रूस के 15,300 सैनिक मारे गए हैं. विदेश मंत्रालय ने दावा किया, “कुल 99 एयरक्राफ्ट, 123 हेलीकॉप्टर, 509 टैंक्स, 24 यूएवी, 15 स्पेशल इक्विपमेंट, 1000 वाहन, 45 एंटी एयरक्राफ्ट वारफेयर सिस्टम, 1556 अलग-अलग आर्म्ड व्हीकल रूसी बलों द्वारा नष्ट कर दिए गए हैं.” यूक्रेनी विदेश मंत्रालय लगातार इस तरह के ट्वीट कर जंग में यूक्रेनी बलों द्वारा रूस को पहुंचाए गए नुकसान की जानकारी देता है. हालांकि आधिकारिक तौर पर इस डेटा की पुष्टि करने का कोई तरीका नहीं है और यूक्रेनी पक्ष के नुकसान का डाटा भी स्पष्ट नहीं है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को एक साक्षात्कार में सीएनएन को बताया कि रूस की सुरक्षा नीति तय करती है कि देश केवल तभी परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा जब उसके अस्तित्व को खतरा हो. रूस द्वारा यूक्रेन में अपनी सेना भेजने के लगभग चार सप्ताह बाद ऐसे समय में यह टिप्पणी आई है, जब पश्चिमी देश इस पर पर चिंता जता रहे हैं कि रूस इस संघर्ष को परमाणु युद्ध में बदल सकता है. पेसकोव ने साक्षात्कार में यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें विश्वास है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूस के साथ शांति वार्ता में कीव के समझौते को यूक्रेन में एक राष्ट्रव्यापी जनमत संग्रह के लिए रखा जाएगा. ये जानकारी सरकार की समाचार एजेंसी यूक्रिनफॉर्म ने दी. जेलेंस्की ने यूक्रेन के सार्वजनिक प्रसारक सस्पिलने के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “मैंने सभी वार्ता समूहों को समझाया है, जब आप इन सभी परिवर्तनों के बारे में बात करते हैं, और वे ऐतिहासिक हो सकते हैं, तो हमें कहीं नहीं जाना है. हम एक जनमत संग्रह करेंगे.” (abplive.com)