धरती का सबसे विशाल जानवर गहरे समंदर में करता था शिकार, खतरनाक समुद्री शिकारियों में से एक था डायनासोर!
डायनासोर की तमाम प्रजातियां इतनी विशाल और खतरनाक थी कि आज भी रिसर्च में नए तथ्य सामने आते रहते हैं, जो बताते है कि करोड़ों साल पहले जब ये जीव धरती पर हुआ करते थे, तो कैसे इससे बाकी जानवर थरथर कांपते थे. इनका साम्राज्य हुआ करता था. लेकिन अब ये विलुप्त हो चुके हैं फिर भी वैज्ञानिकों के शोध में कई बार इनसे जुड़ी कुछ नई जानकारियां चौंका देती है.
विशेषज्ञों के मुताबिक एक नए खोज में मांसाहारी जीव डायनासोर ने पानी के अंदर शिकार करने के लिए अनुकूलित शक्तिशाली टी रेक्स को भी बौना साबित कर दिया. और खुद ग्रेट व्हाइट शार्क के समतुल्य बन गए. इसकी एक प्रजाति स्पिनोसोरस खतरनाक और बेहद शक्तिशाली समुद्री जीव है. जो 50 फीट लंबा और तकरीबन 20 टन वजन का था. एक रिसर्च के दौरान आज के पेंगुइन, दरियाई घोड़े और घड़ियाल की ही तरह इन्हें भी जलीय जीवन शैली के अनूकूल बनाया गया था.
स्पिनोसॉरस को एक पंख जैसी पूंछ के ज़रिए संचालित किया गया था, यह लगभग 7 अरब साल पहले उत्तरी अफ्रीका के दलदलों में घूमता रहता था जो डायनासोर के एक समूह से संबंधित था जिसे थेरोपोड कहा जाता था जो मांसाहारी जानवर के रूप में जाना जाता था जिसमें टी रेक्स भी शामिल था. अन्य अध्ययनों ने शरीर रचना विज्ञान की व्याख्या पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन साफ तौर पर यदि समान हड्डियों के संबंध में ऐसी विपरीत व्याख्याएं हैं, तो यह पहले से ही एक स्पष्ट संकेत है कि विलुप्त जानवरों की इकोसिस्टम का अनुमान लगाने के लिए शायद वे सबसे अच्छे प्रॉक्सी नहीं हैं. फील्ड संग्रहालय, शिकागो के लीड लेखक डॉ माटेओ फैब्री के मुताबिक जीवाश्म का रिकॉर्ड मुश्किल है. केवल कुछ हद तक ही आंशिक कंकाल उपलब्ध हैं.
शिकार की तकनीक पर अभी एकमत नहीं है वैज्ञानिक
अंतरराष्ट्रीय टीम ने स्तनधारियों, मगरमच्छों और पक्षियों से लेकर समुद्री और उड़ने वाले सरीसृपों तक विलुप्त और जीवित जानवरों की 380 हड्डियों को स्कैन किया. पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय में डॉ निज़ार इब्राहिम द्वारा 2014 में एक नए स्पिनोसॉरस कंकाल का विश्लेषण किया गया था. हालांकि स्पिनोसॉरस की शिकार तकनीक पर दशकों से जीवाश्म विज्ञानी बहस कर रहे हैं. लेकिन किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच पाए. कुछ विशेषज्ञों ने अपनी तरफ से कहा कि वो तैर सकता था, जबकि कई अन्य लोगों ने इस बात पर काफी जोर दिया कि ये केवल चलने में ही सक्षम था. स्तनधारी जीव मुख्य रूप से ज़मीन पर रहने वाले होते हैं. लेकिन व्हेल और सील समुद्र में रहते हैं, वहीं ऊदबिलाव, टपीर और दरियाई घोड़े अर्ध-जलीय होते हैं जबकि सरीसृपों में, मगरमच्छ, समुद्री इगुआना और समुद्री सांप शामिल हैं. कुछ समय पहले तक, गैर-एवियन डायनासोर एकमात्र ऐसा समूह था जिसमें कोई ज्ञात जल निवासी नहीं था. वैज्ञानिक किसी भी जानवर के कंकाल को देखकर ये बखूबी बता सकते हैं कि उसका निवास स्थान कैसा रहा होगा. (news18.com)