छत्तीसगढ़ को मलेरिया के मामले में आई गिरावट के लिए किया गया सम्मानित
विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर केेन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ राज्य को प्रदेश में मलेरिया के मामले में आई गिरावट के लिए सम्मानित किया गया। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये गए जन जागरूकता कार्यक्रमों के कारण मलेरिया के केसों में काफी कमी आई है।
मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. विमल किशोर राय ने बताया, ”राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत किए जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप रायपुर मलेरिया उन्मूलन लक्ष्य की ओर अग्रसर है। वर्ष 2030 तक राज्य को मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे प्रयासों से वर्ष 2000 में जहां जिले में 1,414 मलेरिया के प्रकरण मिले थे, वही 2021 में अब यह मामले घटकर 4 रह गए हैं। यह सफलता जन जागरूकता के तहत चलाए गए कार्यक्रमों से संभव हो पायी है। मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने की वजह से होता है। इसमें रोगी को बुखार, सिर दर्द होना शुरू हो जाता है। कभी यह बुखार कम होता है तो कभी बहुत तेज हो जाता है।”
मलेरिया की बीमारी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है। आमतौर पर बारिश के मौसम में मलेरिया के केस अधिक पाए जाते हैं। इसका सामान्य सा कारण बारिश का पानी अधिक दिनों तक आसपास के गड्ढे में जमा होना है।