छत्तीसगढ़

रोड में तड़पते बुजुर्ग ने लड़खड़ाते स्वर में कहा… घर मत ले जाओ, भले कहीं भी ले जाओ…

कड़ाके की ठंड में चार बेटों ने पिता को कर दिया बेघर, लोकस्वर ने इलाज के लिए पहुंचाया अस्पताल

बिलासपुर। रेलवे कॉलोनी रोड किनारे लहूलुहान हालत में पड़े एक 72 वर्षीय बुजुर्ग को जब राहगीर उठाने लगे और घर का पता पूछने लगे तो उन्होंने कांपते स्वर में हाथ जोड़ते हुए कहा कि चाहे जहां ले जाओ, घर मत ले जाना…। उनकी गंभीर हालत देखते हुए लोकस्वर टीम ने इमरजेंसी वाहन 1०8 की मदद से इलाज के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। उन्हें वहां से सिम्स रिफर कर दिया गया है। यहां भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
मानवता को शर्मशार कर देने वाला यह मामला रविवार शाम का है। रेलवे स्टेशन रोड में शाम को लोगोें ने लहूलुहान हालत में एक बुजुर्ग को देखा तो सहायता के लिए उसे उठाने लगे। लोगों ने उनसे उनके घर का पता पूछा तो उन्होंने लड़खड़ाती जुबान में कहा कि वे जीवन से काफी थक चुके हैं, पूरी तरह असमर्थ हैं… लेकिन उन्हें घर नहीं जाना, भले ही कहीं पहुंचा दें। इसी बीच वहां से गुजरते हुए एक रेलकर्मी अफसर अली की नजर उन पर पड़ी तो वे उन्हें पहचान गए। उन्होंने बताया कि ये रिटायर्ड रेलवे ड्राइवर हैं। इनका नाम सैयद सरवर अली है। ये मसानगंज के
रहवासी हैं। इनके चार बेटे हैं, फिर भी उन्हें बेघर कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सैयद को अच्छा-खासा पेंशन मिलता है, जिस पर उनके बच्चों का कब्जा है। शनिवार को ही इनका बड़ा लड़का अपोलो से डिस्चार्ज होकर घर आया है। वह बेरोजगार है। उसे नश्ो की लत है। यही वजह है कि वह बीमार रहता है। दूसरा बेटा दुकान में काम करता है, वह भी अपने पिता से मतलब नहीं रखता। तीसरा बेटा ऑटो चलाता है, तो चौथे का घर से वास्ता ही नहीं। उसने बताया कि सैयद की मानसिक स्थिति 3 महीने से खराब है। लिहाजा वे कभी भी कुछ करने लग जाते हैं। विश्ोष रूप से घर जाने में कतराते हैं। गौरतलब है कि सैयद का पूरा शरीर चोटिल है, उनकी यह हालत कैसे हुई, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं मिली है।
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० भूख से तड़पते खा रहे थ्ो पत्थर के टुकड़े, लोगों ने दिया खाना
सड़क में पड़े ठंड से अकड़ रहे सैयद की हालत बेहद दयनीय थी। यही नहीं वे भूख से भी बुरी तरह तड़प रहे थ्ो और रोड किनारे पड़े पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े फांक रहे थ्ो। इसे देखते हुए स्थानीय लोगों ने उन्हें स्पाट पर ही कंबल व खाना दिया। इससे उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ।
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० 112 को लगाया फोन नहीं पहुंची, 1०8 की मदद से पहुंचाया गया सिम्स
लोगों ने सैयद को अस्पताल ले जाने पहले डॉयल 112 में कॉल किया, संबंधित ने फोन उठाया। आने का आश्वासन देने के एक घंटे बाद भी सहायता वाहन नहीं आया तो थक हारकर लोगों ने संजीवनी एक्सप्रेस-1०8 को बुला कर जिला अस्पताल पहुंचाया। हालत गंभीर होने पर उन्हें सिम्स रिफर किया गया है, वहां भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
० पुलिसकर्मियों ने भी की अनदेखी
स्थानीय लोग ने सबंधित तारबाहर थाने में भी इस मामले की सूचना दी। इस पर पुलिसकर्मी स्पाट पर पहुंचे, लेकिन 1०8 या 112 में फोन कर बताने की बात कहते हुए उल्टे पांव लौट गए।

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