छत्तीसगढ़

CM Sai Bastar Development Plan: नक्सलवाद खत्म होते ही बस्तर बनेगा देश का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र -मुख्यमंत्री साय

CM Sai Bastar Development Plan: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को विश्वास जताया कि नक्सलवाद के खात्मे के बाद बस्तर अगले..

05, May, 2025 | रायपुर | CM Sai Bastar Development Plan: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को विश्वास जताया कि नक्सलवाद के खात्मे के बाद बस्तर अगले 10 सालों में छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र और सबसे विकसित क्षेत्र बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान सकारात्मक परिणाम दे रहे हैं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा तय की गई मार्च 2026 की समय सीमा तक इस समस्या को जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा।

नक्सलवाद का सफाया सरकार की प्राथमिकता:

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर, जो पहले एक अलग जिला था और अब दक्षिणी छत्तीसगढ़ के सात जिलों का संभाग है, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र की सीमाओं से लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि सभी राज्यों की सुरक्षा बलों ने मिलकर एक संयुक्त टास्क फोर्स का गठन किया है, जो नक्सलियों को नियंत्रित करने के लिए मिलकर काम कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्ती और मुख्यधारा में लौटने वालों को प्रोत्साहन देने की नीति के साथ नक्सलवाद का सफाया करेगी।

विकास पर सरकार का फोकस:

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद के खात्मे के बाद सरकार लघु वनोपज प्रसंस्करण उद्योगों, पशुपालन और पर्यटन के विकास के माध्यम से बस्तर के संसाधन संपन्न क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा कि बस्तर एक हरा-भरा वन क्षेत्र है, जो चित्रकोट जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध है, जिसे ‘भारत का नियाग्रा’ कहा जाता है।

बस्तर की छवि सुधारना लक्ष्य:

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर के अधिकांश हिस्से नक्सलियों से मुक्त हैं, लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सलियों की मौजूदगी से पूरे राज्य की छवि खराब होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बस्तर क्षेत्र में कोई जबरन औद्योगिकीकरण नहीं किया जाएगा और यह कार्य स्थानीय लोगों से परामर्श और उन्हें विश्वास में लेकर किया जाएगा।

बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता:

उन्होंने कहा, “नक्सलवाद छत्तीसगढ़ पर एक धब्बा है और इसके मिटते ही राज्य की सुंदरता उभर कर सामने आएगी। यह राज्य जंगलों, झरनों, गुफाओं और खनिज संसाधनों से समृद्ध है। यहां लौह अयस्क, बॉक्साइट, कोयला, टिन, सोना और लिथियम के भंडार हैं।” उन्होंने विश्वास जताया कि गृहमंत्री का संकल्प पूरा होगा और बस्तर में शांति स्थापित होगी।

संयुक्त टास्क फोर्स का गठन:

मुख्यमंत्री ने बताया कि नक्सलवाद से निपटने की रणनीति के तहत पड़ोसी राज्यों के सुरक्षा कर्मियों को शामिल करते हुए एक संयुक्त टास्क फोर्स (जेटीएफ) का गठन किया गया है, ताकि एक समन्वित अभियान चलाया जा सके और नक्सलियों को अंतर-राज्यीय सीमाओं के माध्यम से भागने से रोका जा सके। बस्तर क्षेत्र में सात जिले – बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा शामिल हैं।

पर्यटन को बढ़ावा:

मुख्यमंत्री ने बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाए जा रहे कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्यटकों को आकर्षित करने की अपार संभावनाएं हैं। बस्तर घने जंगलों, झरनों और गुफाओं से समृद्ध है। उन्होंने बताया कि पिछले साल बस्तर के धुड़मारस गांव (कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में) को विश्व पर्यटन मानचित्र पर जगह मिली। बस्तर में होमस्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे स्थानीय आदिवासियों को सीधा लाभ मिलेगा। नई उद्योग नीति में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है।

नक्सलियों से शांति की अपील:

मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से हिंसा छोड़कर शांति के रास्ते पर आने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार ने हथियार छोड़ने के बाद बेहतर पुनर्वास का आश्वासन दिया है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले 15 महीनों में 1,300 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

‘नियाद नेल्लनार’ योजना:

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘नियाद नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना शुरू की है, जिसके तहत सुरक्षा शिविरों के पास स्थित गांवों में 17 विभागों की 52 योजनाओं और 31 सामुदायिक सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button