छत्तीसगढ़

सोशल मीडिया पर प्रशासनिक पत्राचार दंडनीय डीजीपी ने जारी किया निर्देश

अफसरों को याद दिलाया सेवा नियम

रायपुर। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का प्रशासनिक पत्राचार दंडनीय होगा। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने बुधवार को इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि वे अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के नियम 7 में लिखे निर्देश का पालन करें। परिपत्र में कहा गया है कि सोशल मीडिया में किसी प्रकार का प्रशासनिक पत्राचार तथा जनप्रतिनिधियों से कोई भी पत्राचार करने के पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम का हवाला देते हुए कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा के सदस्यों को किसी प्रकार का जनसामान्यों के संचार माध्यम एवं अऩ्य साधनों में से किसी भी दस्तावेज के प्रस्तुतिकरण या कथन को प्रतिबंधित करता है। जो केंद्र या राज्य के सामयिक या वर्तमान नीति या कार्य की आलोचना करता है।
एसपी-मंत्री का पत्राचार वायरल
सरकार को यह निर्देश इसलिए जारी करना पड़ा क्योंकि हाल ही में सुकमा जिले के एसपी जितेंद्र शुक्ला व मंत्री कवासी लखमा के बीच पत्राचार सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। मंत्री ने कहा है कि जांच कराएंगे कि ये कैसे वायरल हुआ। दरअसल मंत्री ने एसपी को पत्र लिखकर कुछ थानेदारों का तबादला करने कहा था। इसके जवाब में अफसर ने भी मंत्री को पत्र लिखा। मंत्री कहते हैं कि पत्र की भाषा से उन्हें पीड़ा हुई। बाद में एसपी को वहां से हटाया गया है। जानकारो का कहना है कि मंत्री को भी सीधे अफसर को पत्र नहीं लिखना था,अफसर को भी मंत्री को सीधे जवाब नहीं देना था। सबसे बड़ी गड़बड़ी की सोशल मीडिया पर इसने किसने जारी किया।

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