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RAIPUR CENTRAL JAIL | सेंट्रल जेल से कैदी फरार मामले में 2 कर्मचारी निलंबित

 

रायपुर, 31 अगस्त 2025। रायपुर सेंट्रल जेल से दस दिन पहले कैदी के फरार होने के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। घटना के बाद जेल प्रशासन ने दो कर्मचारियों को निलंबित किया है, वहीं कैदी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।

भूपेश बघेल का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में डिप्टी सीएम एवं गृहमंत्री विजय शर्मा पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कवर्धा सदन के निर्माण कार्य में जेल कैदियों से मजदूरी कराई गई, इसी दौरान उम्रकैद की सजा काट रहा कैदी चन्द्रवीर उर्फ पिंटू फरार हो गया।

बघेल ने सवाल उठाए –

कैदी को जेल से बाहर लाने के लिए क्या अदालत से अनुमति ली गई थी?

सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी किसकी थी?

फरार कैदी की अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?

जेल प्रशासन की सफाई

जेल प्रशासन ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि जेल मैनुअल के अनुसार कैदियों को श्रम कार्य के लिए जेल की दीवार के बाहर लगाया जा सकता है, और इसकी अनुमति देने का अधिकार जेल अधीक्षक के पास है। इसके लिए न्यायालय की अनुमति आवश्यक नहीं है।

वर्ष 2023 में 16,020 कैदियों को इसी प्रावधान के तहत रायपुर सेंट्रल जेल की दीवार के बाहर श्रम कार्य कराया गया था।

यह प्रक्रिया मध्यप्रदेश शासनकाल से ही लागू है और नई नहीं है।

प्रशासन ने बताया कि 21 अगस्त को कैदियों को जेल परिसर में क्षतिग्रस्त गेट की मरम्मत कार्य के लिए भेजा गया था। इसी दौरान बंदी चन्द्रवीर उर्फ पिंटू फरार हो गया।

कार्रवाई और एफआईआर

घटना के तुरंत बाद फरार कैदी के खिलाफ थाना गंज में एफआईआर दर्ज की गई है और उसकी गिरफ्तारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस की भी मदद ली जा रही है।

इस घटना में लापरवाही बरतने पर लोहार प्रशिक्षक विष्णुदेव ठाकुर और जेल प्रहरी मनीष राजवाड़े को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की गई है।

प्रशासन का दावा

जेल प्रशासन ने इस बात से सख्ती से इंकार किया कि घटना को छिपाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया नियम और परंपरा के अनुरूप थी, दुर्भाग्य से कैदी श्रम कार्य के दौरान फरार हो गया।

 

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