अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस 2024: पसीने से सींचकर उसने मेहनत को चमकाया है…..
पसीने से सींचकर उसने मेहनत को चमकाया है, जुनून को भी उसने आईना दिखाया है। जी हाँ बात हो रही है- उस मेहनतकश की, जिसके ख़ुद के हाथ की लकीरें मिट गईं, पर उसने कईयों के भाग्य की लकीरें बदल दीं। श्रमिक ये वो अनमोल शब्द है, जिसने श्रम को बताया कि- वही उसका सच्चा साथी है। आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस यानी इंटरनेशनल लेबर डे है। हर साल 1 मई के दिन दुनिया भर के श्रमिकों के योगदान और बलिदानों को सम्मानित करने के मूर्त रूप में इसे मनाया जाता है। वैसे तो हर दिन श्रमिक दिन है, क्योंकि हर रोज़ श्रमिक, श्रम से सिर्फ़ बातें ही नहीं करता, उसे अपनी मेहनत से सम्मानित भी करता है।
इस संघर्ष ने बदले हालात
1 मई 1886 का दिन था, जब अमेरिका के शिकागो में 8 घंटे के कार्य दिवस के लिए हज़ारों श्रमिकों ने हड़ताल की। किसे पता था कि- ये हिंसक हो जाएगी! देखते ही देखते इस हिंसा की चपेट में आकर कई श्रमिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई घायल हुए। इस घटना के तीन साल बाद, यानी 1889 में दूसरे अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस ने 1 मई को ही अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाने का फ़ैसला लिया।
भारत में मजदूर दिवस
1923 से भारत में श्रमिकों के अधिकारों और कल्याण के लिए श्रमिक दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस दिन कई तरह के कार्यक्रमों और रैलियों का आयोजन करके श्रमिकों के योगदान को याद किया जाता है। सभी श्रमिकों को समान न्याय मिले और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों के लिए संघर्ष न करना पड़े, यही श्रमिक दिवस का ध्येय है।