पैतृक संपत्ति में पिता की मौत के बाद पुत्री भी होगी बराबर की हक़दार, हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फ़ैसला
अब पैतृक संपत्ति में पिता की मौत के बाद पुत्री भी बराबर की हक़दार होगी, ये ऐतिहासिक फ़ैसला हाईकोर्ट का है, जिन्होंने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की हर धारा को परिभाषित करते हुए महिलाओं को समान हक़ और सम्मान दिया है। अब पति की मौत के बाद बेसहारा मां बेटी को न्याय के लिए भटकने की आवश्यकता नहीं होगी। कोर्ट ने ये स्पष्ट किया है कि- जब तक मामले का अंतिम निराकरण नहीं हो जाता, तब तक पैतृक संपत्ति की कमाई से बेटी को भरण पोषण हेतु 30 हज़ार रुपए राशि देय होगी।
नाबालिग होने के कारण आवेदन नहीं कर पाने की सूरत में भी बेटी पैतृक संपत्ति में हिस्सा प्राप्त करने की बराबर की हक़दार होगी। इसे हाईकोर्ट का स्वर्णिम फ़ैसला भी माना जा रहा है, क्योंकि जब किसी महिला के पति की आकस्मिक मृत्यु हो जाती थी, उसके बाद महिला और उसके बच्चों को सम्पति से बेदख़ल कर दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब न सिर्फ़ बेटे को बल्कि बेटी और उसकी माँ को भी समान हक़ मिलेगा।