CG BREAKING | छत्तीसगढ़ में भूमि अधिग्रहण प्राधिकरण के गठन का आदेश, सुप्रीम कोर्ट ने चीफ सिकरेट्री को भेजा नोटिस

बिलासपुर। सारंगढ़-बिलाईगढ़ के किसान बाबूलाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। किसान ने अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव के माध्यम से विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर कर छत्तीसगढ़ में भूमि अधिग्रहण प्राधिकरण के गठन की मांग की थी। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बागची की डिवीजन बेंच ने राज्य के चीफ सिकरेट्री को नोटिस जारी कर दो महीने के भीतर प्राधिकरण का गठन करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने तय समय में कार्रवाई नहीं होने पर सख्त कदम उठाने की चेतावनी भी दी है।
किसानों को भटकना पड़ रहा है
याचिकाकर्ता किसान ने बताया कि प्राधिकरण का गठन न होने से भूमि अधिग्रहण और मुआवजे से जुड़ी प्रक्रियाओं में किसानों को दिक्कतें आ रही हैं। दावा और आपत्तियों का समय पर निपटारा नहीं होने से कई मामले लंबित हैं।
राज्य सरकार का जवाब
सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे विधि अधिकारियों ने कहा कि प्राधिकरण गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, लेकिन दस्तावेजों की जांच में सामने आया कि यह वर्षों से लंबित है।
डेडलाइन और चेतावनी
डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि 15 सितंबर तक प्राधिकरण का गठन होना अनिवार्य है। अगली सुनवाई पर राज्य सरकार को कंप्लायंस रिपोर्ट पेश करनी होगी।
अधिनियम का प्रावधान
अधिवक्ता श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि 2018 में लागू नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अनुच्छेद-5 (a) के तहत दावा-आपत्तियों का एक साल के भीतर निपटारा होना चाहिए। प्राधिकरण के अभाव में किसानों को न्याय नहीं मिल रहा है।



