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JAGDEEP DHANKHAR RESIGNATION | उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा चौंकाने वाला …

 

नई दिल्ली/रायपुर। देश के उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वे 2022 में चुने गए थे और उनका कार्यकाल 2027 में समाप्त होना था। इस तरह वे कार्यकाल पूरा न करने वाले देश के तीसरे उपराष्ट्रपति बने, उनसे पहले वी.वी. गिरी और कृष्णकांत अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे।

BAC मीटिंग से विवाद भड़का

संसदीय सूत्रों के मुताबिक सोमवार को राज्यसभा की बिज़नेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की दूसरी बैठक शाम 4:30 बजे बुलाई गई थी, लेकिन नेता सदन जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू अनुपस्थित रहे, जबकि सभापति धनखड़ मौजूद थे। पूर्व बैठक में सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने इसे अगले दिन करने का आग्रह भी किया था। गैरहाज़िरी से सभापति के नाराज़ होने की चर्चा है।

विपक्ष के तीखे सवाल

कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने BAC में शीर्ष एनडीए नेताओं की अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए इस्तीफे को “पहले से लिखी पटकथा” बताया और बिहार चुनाव से जोड़ा। उनका दावा—राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश (बिहार) को आगे बढ़ाने की भाजपा रणनीति हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि “धनखड़ को दबाव में रखा गया।”

जयराम रमेश ने घटनाक्रम बताया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में लिखा कि दोपहर 12:30 बजे हुई BAC बैठक के बाद 4:30 बजे दोबारा मिलना तय हुआ था; लेकिन नड्डा-रिजिजू बिना पूर्व व्यक्तिगत सूचना के नहीं पहुँचे। उन्होंने संकेत दिया कि दोपहर से शाम के बीच कुछ “गंभीर” हुआ होगा जिसने हालात बदले। रमेश ने कहा कि धनखड़ नियमों व मर्यादाओं को लेकर सख्त थे और खुद को अनदेखा महसूस कर रहे थे।

नड्डा की सफाई

राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि वे और किरेन रिजिजू “अन्य महत्वपूर्ण संसदीय कार्य” में व्यस्त होने के कारण 4:30 बजे की BAC बैठक में नहीं आए और इसकी पूर्व सूचना उपराष्ट्रपति कार्यालय को दे दी गई थी। नड्डा ने स्पष्ट किया कि सदन में उनका “ऑन रिकॉर्ड” वाला बयान चेयर नहीं, बल्कि बीच में टोका-टोकी कर रहे विपक्षी सांसदों के लिए था।

 

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