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ज़िला प्रशासन की तत्परता से रोका गया बाल विवाह, कलेक्टर के निर्देशानुसार की गई कार्रवाई

जांजगीर-चांपा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से विकासखंड बलौदा के ग्राम बुड़गहन में एक नाबालिग बालिका का विवाह रोका गया। यह कार्रवाई कलेक्टर आकाश छिकारा के निर्देशानुसार की गई।

बाल विवाह की सूचना प्राप्त होते ही जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अनिता अग्रवाल एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने पुलिस विभाग के सहयोग से ग्राम बुड़गहन पहुंचकर बालिका के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की, जिसमें उसकी उम्र 17 वर्ष 06 माह पाई गई। चूंकि विवाह की न्यूनतम कानूनी उम्र 18 वर्ष है, इसलिए यह स्पष्ट रूप से बाल विवाह का मामला था।

बालिका का विवाह 19 फरवरी 2025 को तय किया गया था, जिसकी पूरी तैयारी हो चुकी थी। टीम ने बालिका, उसके माता-पिता और स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया। उन्हें बताया गया कि बाल विवाह न केवल बालिका के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को बाधित करता है, बल्कि यह एक दंडनीय अपराध भी है। अधिकारियों द्वारा दी गई समझाइश के बाद स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालिका के माता-पिता ने विवाह रोकने पर सहमति व्यक्त की।

इस कार्रवाई में परामर्शदाता प्रजेश शर्मा, पर्यवेक्षक लता ठाकुर, चाइल्ड हेल्पलाइन समन्वयक निर्भय सिंह, भूपेश कश्यप, कोमल जायसवाल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लक्ष्मी ओग्रे और ग्राम सचिव घासीराम पटेल भी उपस्थित थे।

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